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10 October 2020

केंद्र ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जारी की नई गाइडलाइन- दुष्कर्म मामले में FIR अनिवार्य, दो महीने में पूरी हो जांच

देश में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे आपराधिक मामलों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार सवालों के घेरे में है। बीते दिनों उत्तर प्रदेश हाथरस गैंगरेप और अन्य राज्यों में हुए यौन शोषण के बाद देश में महिलाओं के प्रति सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चाएं एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बीच शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।

जारी गाइडलाइन में मंत्रालय ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध को लेकर स्थानीय थाने को एफआईआर त्वरित रूप से दर्ज करना होगा। साथ ही गाइडलाइन में कहा गया है कि मामले को सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज करना अनिवार्य होगा। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

केंद्र ने जारी गाइडलाइन में इस बात को भी स्पष्ट किया है कि कानून में जीरो एफआईआर का भी प्रावधान है, इसलिए मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जीरो एफआईआर तब दर्ज की जाती है, जब अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ हो।

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सीआरपीसी की धारा 173 में दुष्कर्म से जुड़े किसी भी मामले की जांच दो महीने के अंदर पूरा करने का प्रावधान है। अपराध में जांच की प्रगति जानने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है। वहीं,सेक्‍शन 164-A के मुताबिक दुष्कर्म के किसी भी मामले की सूचना मिलने के 24 घंटे के भीतर पीड़िता की सहमति से एक रजिस्‍टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा। केंद्र ने इस बात की भी जानकारी दी है कि दुष्कर्म, यौन शोषण व हत्या जैसे संगीन अपराध होने को लेकर फॉरेंसिंक साइंस सर्विसिज डायरेक्‍टोरेट ने सबूत इकट्ठा करने की गाइडलाइन बनाई है। ऐसे मामलों में गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। साथ ही इंडियन एविडेंस एक्‍ट की धारा 32(1) के तहत मृत व्‍यक्ति का बयान जांच में अहम तथ्‍य होगा।

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TAGS: Hathras probe, MHA, New Advisory, Crimes Against Women, Hathras Gangrape, UP Police
OUTLOOK 10 October, 2020
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