Advertisement
30 September 2023

भारत-कनाडा सरकार को एक-दूसरे से बात करनी होगी और देखना होगा कि मतभेदों को कैसे हल किया जाए: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और कनाडा की सरकार को एक-दूसरे से बात करनी होगी और यह देखना होगा कि वे खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत हो लेकर अपने मतभेदों को कैसे हल करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और चुनावी हस्तक्षेप को ‘‘अनुमति देने’’ के सबसे बड़े मसले को हल करना होगा।

वाशिंगटन में शुक्रवार को भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत में जयशंकर ने कहा कि भारत ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के कनाडा के आरोपों के संबंध में सूचना पर विचार करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘मामला यह है कि कनाडा ने कुछ आरोप लगाए हैं। हमने उन्हें बताया है कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है, लेकिन अगर वे कोई विशिष्ट सूचना तथा कुछ भी प्रासंगिक जानकारी हमारे साथ साझा करने के लिए तैयार हैं, तो हम भी उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं। इसलिए पूरा मामला यह है।’’

Advertisement

जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत के कनाडा और उसकी सरकार के साथ कुछ मतभेद चल रहे हैं और समस्या आतंकवाद, चरमपंथ तथा चुनावों में हस्तक्षेप के संबंध में ‘‘अनुमति देने’’ के इर्दगिर्द केंद्रित है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अनुमति इस बात से भी पता चलती है कि प्रत्यर्पण के कुछ महत्वपूर्ण अनुरोधों पर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया, जबकि कुछ ऐसे लोग तथा संगठन हैं, जो भारत में साफ तौर पर हिंसा और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं और उन्होंने खुद भी यह बात मानी है। मेरा मतलब है कि यह कोई छिपी बात नहीं है और वे कनाडा में अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि एक समस्या यह भी है कि कोई घटना अलग नहीं होती। उन्होंने कहा, ‘‘वहां कई समस्याएं हैं। इसलिए मुझे लगता है कि किसी एक घटना के मामले में संबंधित सरकारों को एक-दूसरे से बात करनी होगी और यह देखना होगा कि वे इसे किस प्रकार हल करते हैं।’’

 

जयशंकर ने बताया कि उन्होंने भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद के बारे में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन से चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे जरूरी बात यह है कि कनाडा में हमारे राजनयिक मिशन और हमारे दूतावास कर्मियों को इस हद तक लगातार धमकाया गया है कि आज उनके लिए वहां काम करना सुरक्षित नहीं है।’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘जाहिर है कि हमें अपनी वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित करनी पड़ीं, जो करना हमें पसंद नहीं है। उन्होंने हमारे लिए उन सेवाओं का संचालन करना बहुत मुश्किल बना दिया है।’’

इससे पहले, ब्लिंकन ने पत्रकारों से कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कनाडा और भारत इस मुद्दे को हल कर लेंगे।

निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता संबंधी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।

भारत ने इन आरोपों को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ बताकर खारिज कर दिया था और ओटावा में इस मामले पर एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के जवाब में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बहुत चिंतित हैं। हम इसे लेकर कनाडा के बहुत करीबी संपर्क में हैं। साथ ही हमने भारत सरकार से बात की है और उनसे जांच में कनाडा का सहयोग करने का अनुरोध किया है। मुझे कल विदेश मंत्री जयशंकर के साथ हुई बैठक में फिर से ऐसा करने का मौका मिला था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो भी दोषी हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए और हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा तथा भारत में हमारे मित्र इस मामले को हल करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।’’

यह पूछने पर कि क्या इस मुद्दे को हल करने के लिए भारत और कनाडा के बीच गतिरोध है, जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मैं गतिरोध शब्द का इस्तेमाल करूंगा या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि भारत का मुद्दा यह है कि आज हिंसा और धमकी का माहौल है।

जयशंकर ने कहा, ‘‘इसके बारे में सोचिए। हमारे दूतावास पर स्मोक बम फेंके गए। हमारे वाणिज्य दूतों के सामने हिंसा की गई। लोगों को निशाना बनाया गया और उन्हें धमकी दी गई। कुछ लोगों के बारे में पोस्टर लगाए गए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताएं कि क्या आप इसे सामान्य मानते हैं? अगर यह किसी और देश में हुआ होता, तो वे इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते? मुझे लगता है कि यह सवाल पूछा जाना चाहिए। कनाडा में जो हुआ, उसे सामान्य न समझें। कनाडा में जो हो रहा है, क्या वह कहीं और भी हुआ है, आपको लगता है कि दुनिया इस पर संयम बरतेगी?’’

जयशंकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राजनयिकों को धमकी देना स्वीकार्य नहीं है। विदेश मंत्री ने पूछा, ‘‘हमें अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में दूसरे लोगों से सीखने की जरूरत नहीं है। लेकिन हम लोगों को यह बता सकते हैं। हमें नहीं लगता कि अभिव्यक्ति की आजादी हिंसा भड़काने तक फैली हुई है। हमारे लिए यह आजादी का दुरुपयोग है। यह आजादी की रक्षा नहीं है। मैं हमेशा लोगों से एक सवाल पूछता हूं कि अगर आप मेरी जगह होते, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होती? यदि यह आपके राजनयिक, आपके दूतावास, आपके लोग होते, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होती?’’

जयशंकर ने कहा कि अगर भारत को किसी चीज पर गौर करने की जरूरत है, तो वह उसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पूरी बहस केवल एक मुद्दे पर केंद्रित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उस वृहद परिदृश्य पर भी चर्चा होनी चाहिए, जो कुछ वक्त से जारी है और बहुत गंभीर है।

जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं सोच रहा था कि पिछली बार हमारा कोई मिशन कब इतना भयभीत था कि वह अपना सामान्य कामकाम जारी नहीं रख पाया था? मुझे वास्तव में गुजरे वक्त के बारे में सोचना होगा। और अगर कोई कहता है कि यह किसी जी-7 देश में हो सकता है, एक राष्ट्रमंडल देश में, तो इसके बारे में सोचने के लिए आपके पास बहुत कुछ है।’’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Amid row with Canada, External Affairs Minister S Jaishankar, governments, must talk to each other, resolve the issue
OUTLOOK 30 September, 2023
Advertisement