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12 December 2019

असम में हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम मोदी ने की शांति की अपील, कहा- कोई भी नहीं छीन सकता आपका हक

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शांति की अपील की है। पीएम मोदी ने असमवासियों से कहा कि वे उनको विश्वास दिलाते हैं कि उनका हक कोई नहीं छीन रहा है।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “मैं असम के भाईयों-बहनों को भरोसा दिलाता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक  के पास होने से आप पर असर नहीं पड़ेगा। कोई भी आपका हक नहीं छीन रहा है, ये ऐसे ही जारी रहेगा।”

उन्होंने कहा, "मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के पारित होने के बाद उन्हें चिंता करने की कोई बात नहीं है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं-कोई भी आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और सुंदर संस्कृति को नहीं छीन सकता है। इसका पनपना और बढ़ना जारी रहेगा।"”

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प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "केंद्र सरकार और मैं खंड 6 की भावना के अनुसार असमिया लोगों के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों को संवैधानिक रूप से संरक्षित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।"

अभी क्या है असम की स्थिति

पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बिल के खिलाफ प्रदर्शनकारी कड़ा विरोध कर रहे हैं। विधेयक (सीएबी) के विरोध में सबसे हिंसक प्रदर्शन गुवाहाटी में हो रहे हैं। वहां हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। असम में सेना को तैयार रहने को कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि सीएबी को लेकर सबसे ज्यादा प्रदर्शन और हिंसा पूर्वोत्तर के असम में हो रही है। आलम ये है कि यहां तनाव बढ़ते देख यहां के दस जिलों में बुधवार शाम सात बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है जिससे हिंसा के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल रोका जा सके। सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने कहा कि गुवाहाटी शहर में सेना के दो कॉलम तैनात किए गए हैं और फ्लैग मार्च किया जा रहा है। तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जिलों में भी सेना तैनात की गई है,। देर रात डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू भी अनिश्चित काल के लिए लगाया गया।

क्यों हो रहा है विरोध?

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। लोकसभा से पारित होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल बुधवार को राज्यसभा में भी पारित हो गया। वहीं पूर्वोत्तर के मूल निवासियों का कहना है कि बाहर से आकर नागरिकता लेने वाले लोगों से उनकी पहचान और आजीविका को खतरा है। लिहाजा आसू और अन्य संगठन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

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TAGS: violent protests, Assam, PM Modi, appeals, peace, rights, political, linguistic, cultural, land rights, Assamese
OUTLOOK 12 December, 2019
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