अण्णा समर्थकों ने उतरवाईं आप की टोपियां
केजरीवाल ने मंच से कहा कि दिल्ली में जमीन का मुद्दा केंद्र सरकार के अधीन है लेकिन फिर भी वह वादा करते हैं कि राजधानी में किसी की जमीन नहीं छीनी जाएगी। इससे एक दिन पहले अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने महाराष्ट्र सदन में अण्णा से मुलाकात भी की थी।
अण्णा हजारे की जनसभा में सुबह 11 बजे से ही कार्यकर्ता पहुंचने शुरू हो गए। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत दूर राज्यों से आए कार्यकर्ता अण्णा की झलक पाने, उन्हें सुनने के लिए आतुर रहे लेकिन अण्णा पलवल से राजगोपाल के नेतृत्व में दिल्ली आ रही पद्यात्रा का स्वागत करने दूसरी जगह और एनएपीएम के मंच पर रहे।
अण्णा वाले मंच पर दोपहर के बाद जब लोग इंतजार करके थक गए और उन्होंने नाराजगी जाहिर की तो मंच से बोला गया कि अण्णा बगल वाले मंच पर ही हैं और कुछ देर में आ जाएंगे। लेकिन व्यस्तताओं के चलते शाम 4.30 बजे तक अण्णा अपने मंच पर नहीं आ सके। इसकी एक वजह यह भी रही कि पलवल से दिल्ली आ रही पद्यात्रा को रास्ते में रोक दिया गया था।
यही नहीं आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थकों और अण्णा हजारे के समर्थकों के बीच विवाद भी हो गया। विवाद तब हुआ जब एनएपीएम के मंच पर अण्णा और अरविंद केजरीवाल एक साथ थे। यही नहीं अण्णा के मंच से आप समर्थकों को ताने भी दिए गए। दरअसल अण्णा की सभा में आप समर्थक केजरीवाल की फोटो वाले बैच और आम आदमी पार्टी की टोपियां पहने थे। इतने में मंच संचालित कर रहे कर्नल दिनेश नैन ने मंच से कहा कि ‘ कृपया आप समर्थक अपनी टोपियां उतार दें। ये हथकंडे इस्तेमाल न करें। आये हैं तो सुनें। इस मंदिर में अपनी टोपी उतार कर आएं।’
अण्णा जब तक मंच पर नहीं आए थे उनका मंच खाली पड़ा था। गौरतलब है कि इस दफा अण्णा के मंच पर वह अकेले रहे। वक्ताओं का मंच अलग से लगाया गया था। कर्नल दिनेश ने इसपर कहा कि ‘अण्णा का मंच मंदिर है। हमें उसपर जाते हुए भी डर लगता है। पाप है, लेकिन लोगों ने बहुत प्रयोग कर लिया अण्णा के मंच का।’ लेकिन जब कर्नल दिनेश ने मंच से बोला कि आप समर्थकों के लीडर दूसरे मंच (एनएपीएम) पर पहुंच चुके हैं, वे चाहें तो यहां से जा सकते हैं। इतने में अण्णा मंच के सामने बैठे लोग एक के बाद के उठने लगे। ऐसा लगा कि स्थान खाली हो जाएगा। लोगों ने इस ऐलान पर गहरी नाराजगी जताई।
अण्णा समर्थकों का भी कहना था कि मंच से ऐसा नहीं बोलना चाहिए। तभी मौका संभालते हुए मंच से बोला गया कि कृपया आप समर्थक और अण्णा समर्थक बैठ जाएं लेकिन भीड़ उखड़ चुकी थी। इतने में वहां मौजूद एक कार्यकर्ता बेहोश भी हो गया।