यूपी के 14 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड, एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क पर केस
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं उत्तर प्रदेश में इसने हिंसक रूप ले लिया। राजधानी लखनऊ के अलावा संभल में भी प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों, मीडिया वाहनों, प्राइवेट वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। लिहाजा शुक्रवार को लखनऊ समेत प्रदेश के 14 जिलों में इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वहीं संभल में समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस बीच राज्य सरकार ने हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। सरकार हिंसा में शामिल लोगों की संपत्ति को जब्त और नीलाम करके नुकसान की भरपाई करेगी। बता दें कि गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में एक व्यक्ति की भी मौत हो गई।
जिन शहरों में पूरी तरह से इंटरनेट बंद किया गया है, उनमें लखनऊ, बरेली, अलीगढ़, गाजियाबाद, प्रयागराज, संभल, मेरठ, मऊ और कानपुर शामिल हैं। ऐसा कई शहरों में शुक्रवार की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शनों की संभावनाओं के मद्देनजर किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि 21 दिसंबर की मध्यरात्रि तक इंटरनेट बंद जारी रहेगा। सभी निजी दूरसंचार ऑपरेटरों ने भी सरकारी आदेश के बाद अपनी सेवा बंद कर दी है।
लखनऊ में एक निजी दूरसंचार प्रबंधक ने कहा, "इंटरनेट के अलावा, एसएमएस और मैसेंजर सेवाएं भी अवरुद्ध हो गई हैं। हम अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित करने की कोशिश कर रहे हैं।"
गौरतलब है कि हुसैनाबाद में प्रदर्शन के दौरान चली गोली में घायल मोहम्मद वकील नाम के एक युवक की ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। मोहम्मद को पेट में गोली लगी थी। मृतक सज्जाद बाग निवासी था। मृतक के भाई का आरोप है कि पुलिस की गोली घायल हुए भाई की मौत हुई है। बवाल के दौरान एडीजी सावत, आईजी लखनऊ और सीओ हजरतगंज को भी चोटें लगीं।
संभल में सांसद सहित सैंकड़ों के खिलाफ मुकदमा
संभल में प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को रोडवेज की दो बसों को आग के हवाले कर दिया था। इसके अलावा पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया था। इस मामले में पुलिस ने एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, एसपी जिलाध्यक्ष फिरोज खान, पार्षद पति हाजी मोहम्मद शकील और मुशील खान समेत 17 को नामजद करते हुए सैकड़ों लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। यहां रोडवेज की तरफ से भी भीड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश
नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है और इस बात के भी निर्देश दिए हैं कि आम लोगों को कोई असुविधा ना हो। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार उपद्रव करने वाले लोगों की पहचान कर उनकी संपत्ति नीलाम करेगी और इस पैसे से नुकसान की भरपाई होगी।
कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में धकेल दिया: योगी
मुख्यमंत्री ने कहा, "लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने के नाम पर, कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में धकेल दिया है।" उन्होंने कहा, "लखनऊ और संभल में हिंसा हुई और हम इससे सख्ती से निपटेंगे। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों में शामिल सभी लोगों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और नुकसान की भरपाई की जाएगी।" उन्होंने कहा कि नुकसान पहुंचाने वाली संपत्तियों को वीडियो और सीसीटीवी फुटेज में कैद कर लिया गया है।"
राज्य में धारा 144 लागू, बिना अनुमति के नहीं हो सकता प्रदर्शन
आदित्यनाथ ने कहा कि 8 नवंबर से राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है और बिना अनुमति के कोई भी प्रदर्शन नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रदर्शन के नाम पर हिंसा स्वीकार्य नहीं है। मैंने अधिकारियों से बात की है और यह सुनिश्चित करूंगा कि आम आदमी को कोई परेशानी न हो। हम हिंसा में शामिल लोगों से सख्ती से निपटेंगे।" उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष नागरिकता संशोधन कानून पर भ्रम पैदा कर रहा है क्योंकि इसे लोगों द्वारा दरकिनार और नजरअंदाज किया जाता है। आदित्यनाथ ने कहा, "सीएए किसी भी धर्म या समाज के वर्ग के खिलाफ नहीं है। यह अन्य देशों के शरणार्थियों की सुरक्षा और मदद सुनिश्चित करेगा।"