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27 December 2019

दिल्ली में सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन, कई इलाकों में धारा 144 लागू

दिल्ली की जामा मस्जिद में एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। सैकड़ों की संख्या में लोग सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के जोरबाग इलाके में भी शुक्रवार को सीएए के खिलाफ विरोधी मार्च निकाला गया, ये मार्च प्रधानमंत्री के आवास तक जाएगा। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दरअसल, आज जुमें की नमाज है। ऐसे में जामा मस्जिद इलाके में से लेकर सीलमपुर, मुस्तफाबाद, जाफराबाद और जामिया इलाके में भी पुलिस अलर्ट है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को उग्र प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल किया था, लिहाजा पुलिस प्रशासन एहतियात बरत रहा है।

विरोध प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले के एक बड़े हिस्से और यूपी भवन के आसपास के इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने कहा, "जुमे की नमाज के मद्देनजर पर्याप्त पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां इलाके में तैनात हैं। हम सीलमपुर, जाफराबाद, वेलकम और मुस्तफाबाद इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।"

वहीं दिल्ली पुलिस के पीआरओ, एमएस रंधावा ने कहा, "दिल्ली पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। एहतियात के तौर पर, पुलिस ने कुछ इलाकों में कई लोगों को तैनात किया है। पुलिस अफवाहों की जांच के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों पर भी नजर रख रही है।"

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कई संगठनों ने किया है पीएम आवास तक मार्च का ऐलान

कई संगठनों ने सीएए के खिलाफ दोपहर में प्रधानमंत्री के आवास तक मार्च निकालने का आह्वान किया है। लिहाजा पुलिस ने पीएम के आवास के आसपास के इलाकों में भी किसी भी तरह के सीएए के विरोध मार्च को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं।

दिल्ली-मुबंई में प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन आज मुंबई और दिल्ली में होने हैं। सीएए के समर्थन में एक रैली मुंबई में भी आयोजित की जाती है, जबकि केंद्रीय मंत्रियों द्वारा प्रेस वार्ता जयपुर, गोवा और भोपाल में निर्धारित की गई है।

क्या है नागरिकता कानून

बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना झेलने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, जैन, बौद्धों और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण ली है। विरोध करने वालों का कहना है कि मुसलमानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखना संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकार का उल्लंघन है और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।

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TAGS: Anti-CAA Stir, Live Updates, Section 144 Imposed, Delhi, Protests, Rallies
OUTLOOK 27 December, 2019
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