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16 December 2017

अदालतों में स्थानीय भाषा में बहस का चलन बढ़ेः राष्ट्रपति

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि देश भर के तीन करोड़ मामलों में 40 लाख अदालतों में लंबित हैं, देश को सस्ता सरल और सुलभ न्याय की जरूरत है। उन्होंने वैकल्पिक न्याय प्रणाली और अदालतों में स्थानीय भाषा में बहस का चलन बढ़ाने पर  जोर दिया।

राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्याय ग्राम टाउनशिप का बटन दबाकर शिलान्यास करने के बाद कहा कि आज विजय दिवस है और न्याय ग्राम देश के उन बहादुर जवानों को समर्पित है, जिन्होंने देश सेवा के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। देश की न्याय व्यवस्था में न्यायग्राम मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि अदालतों न्यायालयों के सामने काफी चुनौती है इसे सूचना तकनीक के माध्यम से आसान कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की गौरवशाली परंपरा रही है। देश की आजादी से पहले और बाद में भी यहां से लोगों को न्याय मिलता रहा है। देश का सामान्य नागरिक न्यायपालिका जाने से बचता है ऐसी स्थिति को बदलने की जरूरत है। न्याय मिलने में देर होना भी एक तरह का अन्याय है। गरीबों के लिए न्याय-प्रक्रिया में होने वाले विलंब का बोझ असहनीय होता है। इस अन्याय को दूर करने के लिए हमें स्थगन  से परहेज करना चाहिए। यह  तभी हो जब और कोई चारा न हो।

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राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि जजों की संख्या 108 से 160 करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। त्वरित न्यायतंत्र स्थापित होने से ही कानून का राज होगा। समय से निर्माण पूरा करने को निगरानी कमेटी गठित की जाय। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले मील के पत्थर साबित हुए हैं। न्याय व्यवस्था के लिए हर सहयोग को प्रदेश सरकार तैयार है। जनसुनवाई पोर्टल से लोगों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में आने के लिए न हो जनहित याचिकाएं, क्योंकि अड़ंगे से काम में अड़चन आती है। प्रस्तावित न्यायिक एकेडमी के तकनीकी प्रशिक्षण से जुड़ने में त्वरित न्याय में मदद मिलेगी।

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TAGS: argument, regional language, president, स्थानीय भाषा, बहस, चलन
OUTLOOK 16 December, 2017
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