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06 March 2019

राफेल मामला: अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- रक्षा मंत्रालय से चुराए गए दस्तावेज

File Photo

सुप्रीम कोर्ट बुधवार को राफेल विमान सौदे में कथित गड़बड़ी के मसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई 14 मार्च के लिए टाल दी है। आज सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रक्षा मंत्रालय से कुछ दस्तावेज किसी कर्मचारी द्वारा चुराए गए थे। इसकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि हम रक्षा खरीद जिसमें राज्य की सुरक्षा शामिल है, उससे निपट रहे हैं। यह बहुत ही संवेदनशील मामला है।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हिंदू अखबार, याचिकाकर्ता भूषण और अन्य लोग चोरी के दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा। 

'नए दस्तावेज पर सुनवाई नहीं'

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा 'हम किसी भी नए दस्तावेज पर सुनवाई नहीं करेंगे.' कोर्ट ने यह बात तब कही जब प्रशान्त भूषण ने कोर्ट को नया दस्तावेज देने की कोशिश की। मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम 2 अखबारों और एक वरिष्ठ वकील के खिलाफ क्रिमिनल ऐक्शन लेंगे।

इस मामले में पहले फैसला दे चुके तीन जज, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, संजय किशन कौल और के एम जोसफ ही सुनवाई कर रहे हैं। इससे पहले तीनों जजों ने पुनर्विचार याचिकाओं को देखने के बाद ये तय किया था कि मामले पर खुली अदालत में सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट का पुराना फैसला

13 दिसंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान सौदे में फैसला सुनाते हुए कहा था कि इस सौदे में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है। हालांकि, तब कुछ लोगों ने सवाल उठाया था कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने सही कागजात पेश नहीं किए इसलिए फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार ने दाखिल की थी संशोधन याचिका 

फैसला आने के बाद केंद्र सरकार ने संशोधन याचिका दाखिल की थी। इसके बाद प्रशांत भूषण ने याचिका दाखिल कर मांग की कि सरकार के दिए नोट में अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि राफेल मामले को लेकर दिए अपने फैसले पर खुली अदालत में फिर से विचार होगा।

इन लोगों ने की राफेल आदेश की समीक्षा करने की अपील

आपको बता दें कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और वकील एम एल शर्मा ने पुनर्विचार याचिका में अदालत से राफेल आदेश की समीक्षा करने के लिए अपील की है।

अपील में कहा गया कि सरकार ने राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए निर्णय लेने की सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। मोदी सरकार ने 3 P यानी Price, Procedure, Partner के चुनाव में गफलत बनाए रखी और अनुचित लाभ लिया है।

जानें केंद्र सरकार की अपील में क्या कहा गया

वहीं, केंद्र सरकार की अपील में कहा गया है कि कोर्ट अपने फैसले में उस टिप्पणी में सुधार करे जिसमें CAG रिपोर्ट संसद के सामने रखने का जिक्र है। केंद्र का कहना है कि कोर्ट ने सरकारी नोट की गलत व्याख्या की है। प्रशांत भूषण की एक याचिका जो सरकार द्वारा गए नोट में अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहती है। इसमें लिखा गया कि CAG ने राफेल पर संसद को अपनी रिपोर्ट सौंपी।

राफेल को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर विपक्ष

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते रहे हैं। राहुल ने इस मुद्दे पर कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि पीएम मोदी ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए राफेल डील में गड़बड़ी की है।

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TAGS: Supreme Court, hear, review petitions, Today, rafale deal case
OUTLOOK 06 March, 2019
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