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16 February 2020

पीएम मोदी के खिलाफ बिनॉय विश्वम ने दाखिल किया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दाखिल किया है। इस प्रस्ताव में सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी पर संसद में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने सीएए के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों को लेकर सदन को गुमराह करने का प्रयास किया है। इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री ने भी मोदी के बयान पर आपत्ति जताई थी और प्रधानमंत्री से अपना बयान ‘सुधारने’ की मांग भी की थी।

भाकपा सांसद द्वारा यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव 6 फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान को लेकर दाखिल किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि विजयन एक तरफ सीएए विरोधी प्रदर्शनों में चरमपंथी तत्वों के घुसपैठ की चेतावनी दे रहे हैं तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी दिल्ली में उनका समर्थन कर रही है।

प्रस्ताव में कहा गया है, “प्रधानमंत्री का आशय था कि केरल सरकार का मानना है कि सीएए एनआरसी- एनपीआर के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध चरमपंथी तत्वों द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं।” प्रधानमंत्री के दावे का खंडन करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि 3 फरवरी 2020 को केरल विधानसभा में मुख्यमंत्री के जवाब का एक प्रमाण, यह स्पष्ट करता है कि उनकी टिप्पणी एक विशेष अतिवादी संगठन, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की गतिविधियों के संदर्भ में थी। वह स्पष्ट रूप से बताता है कि लोकतांत्रिक लोगों के आंदोलन में घुसपैठ करने और उसे मोड़ने के लिए एसडीपीआई द्वारा प्रयास किए गए हैं और इस तरह के प्रयासों को केरल सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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सीएम ने सीएए के खिलाफ जारी आंदोलनों पर नहीं उठाए सवाल

प्रस्ताव में आगे कहा गया, “यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सीएम ने किसी भी परिस्थिति में सीएए के खिलाफ लोगों के आंदोलन की वैधता पर सवाल नहीं उठाया, न ही सुझाव दिया कि चरमपंथी तत्व इन विरोधों को आयोजित कर रहे थे, जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था।”

केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ लाया था प्रस्ताव

विश्वम का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए सीएम विजयन के बयान में हेरफेर किया है। उनका कहना है कि केरल सरकार ने विरोध करने के लिए लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार का समर्थन किया है और राज्य के विधायिका में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया है जिसमें विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को वापस लेने की मांग की गई है।

प्रधानमंत्री का बयान ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत और निंदनीय’’: विजयन

चरमपंथियों की घुसपैठ संबंधी केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के बयान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिक्र किए जाने के एक दिन बाद विजयन ने पलटवार करते हुए कहा था कि यह ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत और निंदनीय’’ है। केरल के मुख्यमंत्री ने मोदी के बयान पर आपत्ति जताई थी और प्रधानमंत्री से अपना बयान ‘सुधारने’ की मांग भी की थी। विजयन ने फेसबुक पर, लिखा था ‘‘केरल के संबध में राज्यसभा में प्रधानमंत्री का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और निंदनीय है।’’

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TAGS: Binoy Viswam, privilege motion, PM Narendra Modi
OUTLOOK 16 February, 2020
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