ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ा, दवाओं की हुई किल्लत, हरियाणा के सीएम ने कहा- नहीं मिल रहे हैं इंजेक्शन
कोरोना महामारी के बीच देश में ब्लैक फंगस का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। वहीं संबंधित दवाओं की भी किल्लत शुरू हो गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया, "हमें ब्लैक फंगस के इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं, हमें मुश्किल से 1200-1400 इंजेक्शन मिले हैं। हरियाणा में दो दिन पहले ब्लैक फंगस के क़रीब 400 मरीज़ थे।"
इससे पहले हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया था कि रविवार को ब्लैक फंगस संक्रमण के मामले 421 हो गए हैं। जिनका इलाज अस्पतालों में चल रहा है। वहीं गुणगांव में लगभग 149 मामले दर्ज किए गए हैं जो कि सबसे अधिक हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन-बी के 12,000 इंजेक्शन की मांग की है। वर्तमान में मरीजों के इलाज के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की 1,250 शीशियां उपलब्ध हैं।
बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में पिछले सप्ताह ब्लैक फंगस संक्रमण को अधिसूचित रोग घोषित किया गया था। डॉक्टरों को अब ऐसे मामलों की रिपोर्ट संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को देनी होगी।
एलएनजेपी के एमडी डॉ. सुरेश कुमार के अनुसार ब्लैक फंगस खतरनाक फंगस है जो कि उनमें होता है
जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर होती है या जो डायबिटीज़ के मरीज़ हैं। स्टिरॉयड से ब्लड शुगर बढ़ता है और ब्लड शुगर बढ़ने से ये फंगस हवा में होता है और सांस के माध्यम से अंदर चला जाता है।
ये आगे जाकर फेफड़े और पूरे शरीर में फैल जाता है, किडनी को भी नुकसान पहुंचाता है। कई बार इतनी तेजी से फैलता है कि मरीज़ की मौत हो जाती है। इससे बचाव के लिए ब्लड शुगर नियंत्रित रखें, स्टिरॉयड बिना डॉक्टर की सलाह के न लें, मास्क हमेशा साफ करें और ड्राई ऑक्सीजन न लें।