बजट 2019: नया किराएदारी कानून जल्द, किराएदार और मकान मालिकों के हितों में संतुलन होगा
सरकार जल्दी ही आदर्श किराएदारी विधेयक लेकर आएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा है कि सरकार यह विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। रियल्टी सेक्टर के जानकारों का कहना है कि रेंटल प्रॉपर्टी के मामले में अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है। सरकार अगर संतुलित कानून लागू करती है तो रेंटल प्रॉपर्टी रियल्टी सेक्टर के लिए बड़ा सहारा दे सकता है। इस तरह कानून बनने से किराए के लिए प्रॉपर्टी की उपलब्धता भी सुधरने की उम्मीद है।
मौजूदा कानून संतुलन बनाने में विफल
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में रेंटल हाउसिंग को प्रोत्साहन देने के लिए नया किराएदारी कानून बनाने के साथ कई अन्य सुधार किए जाएंगे। प्रॉपर्टी की किराएदारी से संबंधि कानून बहुत पुराने पड़ चुके हैं। हालांकि उन्होंने नए कानून के बारे में अभी कोई विवरण नहीं दिया है। ये कानून रियल्टी सेक्टर की मौजूदा वास्तविकताओं से बहुत दूर हैं। यही वजह है कि मौजूदा कानून किराएदार और मकान मालिक के हितों के बीच संतुलन बनाने में नाकाम हैं। इसके कारण दोनों पक्षों के बीच विवाद उठते हैं और कई बार ये विवाद अदालती लड़ाई में बदल जाते हैं। यह भी बड़ी सच्चाई है कि इन विवादों की आशंका से बहुत से मकान मालिक खासतौर पर निवेशक किराए पर प्रॉपर्टी देने से बचते हैं। इसके कारण लाखों संपत्तियां खाली पड़ी रहती हैं।
रेंटल मार्केट 1.40 लाख करोड़ रुपये का
सरकार के इस कदम से लगभग पूरी तरह असंगठित भारतीय रेंटल मार्केट का सुनियोजित तरीके से विकास होने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के अनुसार भारतीय रेंटल मार्केट करीब 20 अरब डॉलर (1.40 लाख करोड़ रुपये) का है। इसमें 13.5 अरब डॉलर का मार्केट शहरी क्षेत्रों में है।
तेज विकास होने की संभावना
एक अतरराष्ट्रीय रियल्टी फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नया किराएदारी कानून मकान मालिक और किराएदारों के हितों के बीच संतुलन बना सकता है। इससे इस बाजार का बेहतर तरीके से विकास हो सकेगा। इस कानून के लागू होने से रेंटल हाउसिंग के क्षेत्र में देश के प्रमुख शहरों में तेज विकास की संभावना है। मुंबई की रियल्टी कंसल्टेंसी फर्म एसईसीसीपीएल के सह संस्थापक अमित वाधवानी ने कहा कि रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा का कदम रियल्टी सेक्टर के लिए सकारात्मक रहेगा।