कैबिनेट के निर्णय: फिर जारी होगा भूमि अध्यादेश
इसके अलावा कैबिनेट ने मद्रास आईआईटी में दलित छात्रों के सर्कल पर प्रतिबंध लगाने और इसके बाद इस मुद्दे पर शुरू हुए विरोध तथा देश के कई राज्यों में दलितों के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर डैमेज कंट्रोल की कवायद भी की है।
अंबेडकर की 125वीं जयंती बड़े स्तर पर मनाएगी सरकार
इसके तहत सरकार दलितों के मसीहा बाबा साहेब बी.आर. अंबेडकर की की 125 वीं जयंती को बड़े स्तर पर मनाने का फैसला किया। इसके साथ ही भाजपा बाबा साहेब की विरासत भी कांग्रेस से छीनने के लिए तैयार दिख रही है। कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अंबेडकर की विचारधारा और सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर की जा रही 16 बड़ी गतिविधियों के बारे में कैबिनेट को अवगत कराया गया। इन गतिविधियों में 197 करोड़ रुपये की लागत से 15, जनपथ में अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना किया जाना भी शामिल है। प्रसाद और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने इंकार किया कि सरकार की इस व्यापक योजना के पीछे कोई राजनीतिक लक्ष्य है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा जो मंगलवार को मऊ में दलितों के मसीहा के जन्मस्थान पर अंबेडकर की जयंती से कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का आगाज करेंगे।
कैबिनेट की बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अंबेडकर की जयंती मनाने और उनकी विचारों के प्रचार-प्रसार के वास्ते विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां चलाने के लिए सुझाव देगी। कमेटी में राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, एम वेंकैया नायडू, स्मृति ईरानी, सदानंद गौड़ा, रामविलास पासवान और सुरेश प्रभु हैं।
बांग्लादेश से एक और करार को मंजूरी
प्रधानमंत्री मोदी की ढाका यात्रा से पहले कैबिनेट ने दोनों देशों के बीच एक करार को शनिवार को मंजूरी दी जिसमें मानव तस्करी को रोकने एवं पीड़ितों को उनके परिवारों से मिलाने के उपाय होंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मानव तस्करी रोकने विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी को रोकने, उनका बचाव करने एवं रिहा कराने, उनको वापस उनके देश में भेजने और पीड़ितों को उनके परिवारों से मिलाने संबंधित सहमति करार पर हस्ताक्षर किए जाने को मंजूरी दी गई।
29 शहरों और कस्बों की श्रेणी के उन्नयन को मंजूरी
29 शहरों और कस्बों की श्रेणी के उन्नयन को भी आज मंजूरी दे दी गई है। इससे इन शहरों के केंद्रीय कर्मचारियों को ऊंचा आवास एवं परिवहन भत्ता मिल सकेगा। केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। सरकार ने यह कदम 2011 की जनगणना के आधार पर उठाया है। शहरों के उन्नयन का यह संशोधित वर्गीकरण एक अप्रैल 2014 से प्रभावी होगा। इससे 2014-15 के लिए सरकारी खजाने पर 128 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
अधिकारिक बयान में कहा गया कि जनगणना के आधार पर दो शहरों - पुणे और अहमदाबाद - की श्रेणी वाई से बढ़ाकर एक्स और 21 शहरों की श्रेणी जेड से बढ़ाकर वाई कर दी गई है। ये 21 शहर - नेल्लोर, गुड़गांव, बोकारो स्टील सिटी, गुलबर्ग, त्रिसूर, मलप्पुरम, कन्नूर, कोल्लम, उज्जैन, वसई-विरार सिटी, मालेगांव, नांदेड़-वाघला, सांगली, राउरकेला, अजमेर, इरोड़, नोएडा, फीरोजाबाद, भुांासी, सिलिगुड़ी और दुर्गापुर शामिल हैं।
बयान में कहा गया कि इनके अलावा परिवहन भत्ते के लिए छह शहरों -पटना, कोच्चि, इंदौर, कोयंबतूर एवं गाजियाबाद - की श्रेणी का अन्य स्थान से उन्नयन कर विशिष्ट उच्च श्रेणी कर दिया गया है। अब तक इन शहरों और कस्बों में केंद्र सरकार के अधिकारियों को एचआरए और परिवहन भत्ता देने के लिए 2001 की जनगणना के आंकड़ों को इस्तेमाल किया जाता रहा है।