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31 August 2016

मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण फैसले

एशियाई क्षेत्र के लिये 500 करोड़ रूपये के विकास कोष को मंजूरी

सरकार ने कंबोडिया, लाओस, म्यांमा और वियतनाम में आर्थिक उपस्थिति बढ़ाने के लिये 500 करोड़ रूपये के परियोजना विकास कोष के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस कदम से चीन और यूरोपीय संघ के बाजारों में पहुंच का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस संबंध में जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, मंत्रिमंडल ने परियोजना विकास कोष (पीडीएफ) बनाने को मंजूरी दे दी। इससे कंबोडिया, लाओस, म्यांमा और वियतनाम में आर्थिक रूप से भारत की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

विज्ञप्ति  में कहा गया है कि यह कोष वाणिज्य विभाग में स्थापित होगा और एक्जिम बैंक इसका संचालन करेगा। इसमें कहा गया है, कोष का संचालन एक अंतर मंत्रालयी समिति द्वारा किया जायेगा जिसकी अध्यक्षता वाणिज्य सचिव करेंगे। इस क्षेत्र में भारतीय पहुंच सुनिश्चित होने से घरेलू उद्योगों के लिये विभिन्न प्रकार के जरूरी सामान और कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। कंबोडिया, लाओस, म्यांमा और वियतनाम :सीएलएमवी: राष्टों की क्षेत्रीय मूलय श्रृंखला में विशिष्ट स्थिति है और यहां से चीन, यूरोपीय संघ और अन्य बाजारों को विभिन्न व्यापार समझौतों के तहत माल पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।

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केद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम को भंग करने की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय अंतर्देशीय  जल परिवहन निगम (सीआईडब्ल्यूटीसी) को विसर्जित करने की मंजूरी दे दी है। सरकार ने कंपनी को परिसमाप्त करने का यह कदम एेसे सार्वजनिक उपक्रमों को खत्म करने की नीति के तहत उठाया है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है। सीआईडब्ल्यूटीसी का गठन फरवरी, 1967 में किया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा मंजूर योजना के तहत इसने पूर्ववर्ती रिवर स्टीम नेविगेशन कंपनी लि. की संपत्तियों और देनदारियों का अधिग्रहण किया था। सरकार का कहना है कि इससे इसकी सम्पत्तियां मुक्त होंगी और उनका अच्छा उपयोग किया जा सकेगा तथा लोगों का फायदा होगा। कुछ सम्पत्तियां भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकारण ले सकता है और उनका इस्तेमाल राष्ट्रीय जलमार्ग-4 ब्रह्मपुत्र नदी में सेवाओं पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

भारत, ब्रिटेन साइबर सुरक्षा वाचडाॅग ने सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया

भारत और ब्रिटेन के सरकार संचालित साइबर सुरक्षा निकायों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत ये दोनों देश जो साइबर हमलों का सामना कर रहे हैं उसपर करीबी सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को 20 मई 2016 को भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) और कैबिनेट कार्यालय मंत्रालय, ब्रिटेन जिसका प्रतिनिधित्व सीईआरटी-यूके करता है, के बीच हस्ताक्षरित एमओयू की जानकारी दी। सीईआरटी-यूके साइबर सुरक्षा पर कैबिनेट कार्यालय की एक इकाई है।

एमओयू की मंशा भारत और ब्रिटेन के बीच सुरक्षा संबंधी घटनाओं की पहचान, समाधान और रोकथाम में जानकारी और अनुभव के आदान-प्रदान के लिए करीबी सहयोग को प्रोत्साहन देना है। वक्तव्य में कहा गया है, इस एमओयू के साथ प्रतिभागी देश साइबर हमलों पर तकनीकी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं, साइबर सुरक्षा की घटनाओं पर प्रतिक्रिया और साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए समाधान ढूंढ सकते हैं। यह एमओयू दोनों देशों के बीच साइबर स्पेस को मजबूत बनाने, क्षमता निर्माण और उनके बीच संबंधों में सुधार में मदद करता है।

निर्माण क्षेत्र की परेशानियां दूर करने के लिये कई उपायों को मंजूरी

निर्माण एवं जमीन जायदाद विकास के क्षेत्र में अटकी पड़ी परियोजनाओं में विवाद निवारण, धन की व्यवस्था और उसमें फंसे बैंकों के कर्ज की समस्या के निपटने के विभिन्न उपायों को आज मंजूरी दी ताकि इन्हें फिर से तेजी से चालू किया जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसले लिये गये। ठेकेदारों को तेज गति से फैसले के लिये नई पंचनिर्णय प्रक्रिया में जाने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा बैंक गारंटी के एवज में विवाद में उलझी राशि की 75 प्रतिशत राशि को जारी करने तथा नये अनुबंधों में विवादों पर सुलह कराने के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों को मिलाकर एक बोर्ड बनाने की व्यवस्था को मंजूरी दी गई है।

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि भवन निर्माण क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आठ प्रतिशत का योगदान रखता है। यह क्षेत्र करीब चार करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा, निर्माण क्षेत्र के समक्ष कई तरह की चुनौतियां हैं और सरकार इस क्षेत्र के कामकाम में सुधार लाने के लिये प्रयास कर रही है। जेटली ने कहा, हमने पंच निर्णय कानून को सरल बनाया है ताकि विवाद निपटान की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके। हमने वाणिज्यिक अदालतों के गठन की भी अनुमति दी है।

मुरगांव बंदरगाह की परियोजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी

मुरगांव बंदरगाह, गोवा पर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए घाट (बर्थ) के पुनर्विकास 145.36 करोड़ रपये की परियोजना को केंद्र ने आज मंजूरी दे दी। मुरगांव देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। जहाजरानी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिामंडलीय समिति की बैठक में मुरगांव बंदरगाह की क्रमांक आठ, नौ और बार्ज बर्थ के पुनर्विकास को मंजूरी दी। इसकी अनुमानित लागत।,145.36 करोड़ रपये है और इसका पुनर्विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से किया जाएगा। 

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TAGS: प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, मंत्रिमंडल, अरुण जेटली, कैबिनेट, एशियाई क्षेत्र
OUTLOOK 31 August, 2016
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