वाराणसी से नामांकन करने वाले बर्खास्त जवान की शिकायत पर गौर करे चुनाव आयोग: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन रद्द होने को लेकर शिकायत पर गौर करे। तेज बहादुर यादव ने वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिये नामांकन पत्र दाखिल किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील से कहा कि वह जरूरी निर्देश प्राप्त करके गुरुवार को उसे अवगत करायें।
वहीं तेज बहादुर यादव के वकील प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च अदालत के एक निर्णय का हवाला दिया और कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान भी चुनाव याचिका दायर की जा सकती है।
वाराणसी संसदीय सीट के लिये समाजवादी पार्टी ने शुरू में शालिनी यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन बाद में उसने सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान को अपना प्रत्याशी बना लिया था।
क्या है याचिका में?
तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग के निरणय को पक्षपातपूर्ण और तर्कहीन बताते हुये इसे निरस्त करने का अनुरोध अदालतसे किया है। तेज बहादुर यादव ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि चुनाव अधिकारी के निर्णय को खारिज किया जाए तथा शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता को हाई प्रोफाइल वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अनुमति दे, जहां 19 मई को मतदान होना है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा था?
चुनाव आयोग ने 1 मई को यादव का नामांकन रद्द कर दिया था। वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने यादव द्वारा दाखिल नामांकन के दो सेटों में विसंगति को लेकर नोटिस भी जारी किया था। चुनाव अधिकारी ने कहा था कि यादव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे, क्योंकि जनप्रतिनिधि (आरपी) अधिनियम के तहत उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देना आवश्यक था कि उन्हें 'भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त' नहीं किया गया है।
इस वीडियो के बाद चर्चा में आए थे तेज बहादुर
सीमा सुरक्षा बल में जवानों को मिलने वाले भोजन को लेकर शिकायत संबंधी एक वीडियो पोस्ट करने की घटना के बाद यादव को 2017 में सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था।