निजामुद्दीन मामले में मरकज के मौलाना और तबलीगी जमात के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
निजामुद्दीन मरकज मामले में दिल्ली पुलिस ने जमात के प्रबंधक मौलाना साद और तबलीगी जमात के अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा है कि इन सभी के खिलाफ सरकारी निर्देशों के उल्लंघन के आरोप में, महामारी अधिनियम 1897 और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजामुद्दीन मामले में उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
'अभी तक कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की बात नहीं'
दिल्ली में मंगवार तक कुल 97 मामले कोरोना के आए हैं।जिसमें से 89 एक्टिव मामले है। उन्होंने कहा कि पांच मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है,एक मरीज वेंटिलेटर पर है जबकि दो ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। आगे उन्होंने कहा कि अभी तक कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की बात सामने नहीं आई है। सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि कुल आंकड़ों में निजामुद्दीन मरकज के 24 लोग शामिल है जिनका परीणाम पॉजिटिव पाया गया है।
केंद्रीय मंत्रियों ने की समीक्षा बैठक
वहीं,मंत्रियों के एक समुह ने निजामुद्दीन मरकज मामले पर एक बैठक कर हालात की समीक्षा की। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन,विदेश मंत्री एस. जयशंकर और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय सरीके कई मंत्री मौजूद रहें। वहीं,उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक राज्य के 157लोगों ने इस इस्लामिक इवेंट में हिस्सा लिया था। गृह मंत्रालय के मुताबिक 21 मार्च तक निजामुद्दीन मरकज में लगभग 1,746 लोग थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय थे।
असम के भी कई लोग शामिल
इसके अलावा असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सर्मा ने कहा कि असम के कई लोग भी निजामुद्दीन मरकज में मौजूद थे। ये सभी लोग आयोजित इस्लामिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जारी दो नामों की सूची में कुल 456 लोग शामिल हुए थे। आगे उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने डिप्टी कमिश्नर को निर्देशित किया है कि ये सभी पहले ही असम वापस आ चुके हैं और यदि नहीं आए हैं तो उन्हें 2 घंटे में छोड़ दिया जाना चाहिए। ताकि सभी का परीक्षण किया जाए।