04 July 2017
सोशल मीडिया पर SC/ST के खिलाफ जातिगत टिप्पणी करना अपराधः हाईकोर्ट
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सोशल मीडिया पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग अक्सर दुर्भावना का शिकार होते हैं। इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है, “अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर जातिसूचक टिप्पणी को अपराध माना जाएगा।” कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो उसे अत्याचार निषेध ऐक्ट, 1989 के तहत सजा दी जाएगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह महत्वपूर्ण फैसला एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है। एक महिला ने कोर्ट में याचिका दर्ज कर अपनी राजपूत देवरानी पर ये आरोप लगाया था कि वह उसे सोशल मीडिया पर प्रताड़ित करती है और उसकी जाति के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल करती है।