ममता सरकार के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई
पश्चिम बंगाल में चल रही राजनीतिक लड़ाई अब देश की शीर्ष अदालत तक पहुंच गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई है। सीबीआई ने अपनी याचिका में लिखा है कि पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस उनकी जांच में सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने ये भी दावा किया है कि दोनों ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं तो वह कार्रवाई करने को तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वह पहले सबूत पेश करें, अगर कमिश्नर के खिलाफ सबूत हैं और वो दोषी हैं तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की अगुवाई में तीन जजों की बेंच मंगलवार को करेगी। इस बेंच में सीजेआई के साथ जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल है।
सीबीआई द्वारा राजीव कुमार पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया गया है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'अगर कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की है, तो उससे जुड़े साक्ष्य हमारे सामने लाए जाएं, इसपर ऐसी कार्रवाई होगी कि उन्हें पछताना पड़ेगा।'
न्यायालय ने कहा कि शारदा मामले में पश्चिम बंगाल के किसी प्राधिकारी\पुलिस द्वारा सबूत नष्ट करने की कोशिश को साबित करने के लिए सॉलिसिटर जनरल अदालत में सबूत पेश कर सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि शारदा मामले में सभी सबूतों, सामग्री को शपथपत्र के माध्यम से पेश किया जाए।
ममता बनाम सीबीआई
सीबीआई ने दावा किया कि पोंजी घोटालों में उसकी जांच में पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य की पुलिस रोड़े अटका रही है। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि सीबीआई अधिकारी बिना सर्च वॉरन्ट के ही छापेमारी करने आए थे।
बता दें कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पूछताछ करने गई केंद्रीय एजेंसी सीबीआई के अधिकारियों को ही राज्य पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीं खुद राज्य की सीएम ममता बनर्जी आरोपी कमिश्नर के साथ सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठ गईं। रविवार देर रात स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कोलकाता में सीबीआई दफ्तर के बाहर सीआरपीएफ तैनात करनी पड़ी। आज राज्य में बजट भी पेश किया जाना है, इस दौरान भी ममता धरनास्थल पर रह सकती हैं।
ममता के समर्थन में विपक्ष
पश्चिम बंगाल में अब तक हुए हंगामे को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने ममता को समर्थन दिया है और कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ही सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रखेंगे। विपक्ष का यह तर्क है कि बीजेपी केंद्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने ममता से फोन पर बात की और उनके प्रति एकजुटता जाहिर की है।
ममता सरकार लोकतंत्र का मखौल बना रही: भाजपा
भाजपा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी नीत सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह शासन प्रणाली और लोकतंत्र का मखौल उड़ा रही है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पार्टी ने कहा कि राज्य सरकार की कार्रवाई संवैधानिक व्यवस्था पर सीधा हमला है और यह मुख्यमंत्री के तानाशाह रवैये को प्रदर्शित करता है।
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, ‘‘कोलकाता का घटनाक्रम और सीबीआई जांच का प्रतिरोध हैरतअंगेज एवं अभूतपूर्व है तथा यह ममता के तानाशाह रवैये को प्रदर्शित करता है। उन्होंने उस संविधान का उल्लंघन किया है जिसकी उन्होंने शपथ ली थी।’’ राव ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई का जिक्र करते हुए कहा कि नगर पुलिस की कार्रवाई शीर्ष न्यायालय की अवज्ञा है। भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता नलिन कोहली ने राज्य में इस स्थिति को अभूतपूर्व बताया और कहा कि यह कानून व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त होने का संकेत है।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी के तहत राज्य सरकार संवैधानिक उपयुक्तता (प्रोपराइटी) की दृष्टि खो चुकी है। लोग देख सकते हैं कि शासन प्रणाली, लोकतंत्र और संवैधानिक प्रोपराइटी का क्या माखौल उड़ाया जा रहा है। राव ने कहा कि राज्य सरकार लंबे समय से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कार्य में संलिप्त है और कोलकाता पुलिस की रविवार की कार्रवाई ने सारी हदें पार कर दी।
क्या है पूरा विवाद?
सारदा और रोजवैली चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई की एक टीम रविवार शाम को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंची थी। जिसके फौरन बाद ही राज्य पुलिस के आला अधिकारी वहां पहुंच गए और सीबीआई टीम को रोक लिया। इसी बीच ममता बनर्जी भी आनन-फानन में कुमार के घर पहुंच गईं। पुलिस ने सीबीआई के 5 अफसरों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें 2-3 घंटे बाद छोड़ दिया गया। पुलिस टीम कोलकाता में सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंच गई। ममता सीबीआई की कार्रवाई को केंद्र की राजनीतिक साजिश बताकर मेट्रो चैनल पर राजीव कुमार के साथ धरने पर बैठ गई हैं। इसे लेकर अंतरिम सीबीआई चीफ एम. नागेश्वर का कहना है कि राजीव कुमार ने सबूतों को मिटाने का प्रयास किया है। जबकि ममता बनर्जी ने कहा, 'मुझ पर बहुत दबाव डाला गया। देश नरेंद्र मोदी से परेशान है।' उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र हम पर दबाव बना रहा है।