नारद मामले में सीबीआई ने ममता बनर्जी को बनाया पक्षकार, हाईकोर्ट से की केस को राज्य से ट्रांसफर करने की मांग
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नारद मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी को भी कलकत्ता हाईकोर्ट में पक्षकार बनाया है।
साथ ही जांच एजेंसी ने राज्य के विधि मंत्री मलय घाटक और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी को भी पक्षकार बनाया है। वहीं, अब सीबीआई ने केस को बंगाल से बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग कोर्ट से की है।
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राज्य से बाहर केस को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए सीबीबाई ने कहा है कि चारों आरोपियों को अभी पुलिस कस्टडी में रखा जाए।
हाईकोर्ट की बेंच इन नेताओं के सोमवार को मामले में गिरफ्तारी होने के बाद के सीबीआई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाने के अपने आदेश को वापस लेने के लिए फिर से दायर की गई याचिका पर भी सुनवाई करेगी। ये अपील मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी की तरफ से की गई है।
बीते दिनों टीएमसी के चार नेता सुब्रत मुखर्जी, मंत्री फिरहाद हकीम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद सीबीआई कोर्ट ने जमानत दे दी। लेकिन, हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। अभी ये सभी जेल में हैं। इन्हें पुलिस कस्टडी में रखे जाने की मांग कोर्ट से सीबीआई ने की है।
2014 में नारदा न्यूज पोर्टल द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। 'नारद टेप' स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर टीएमसी नेताओं को कैमरे पर रिश्वत लेते हुए दिखाया गया था। ये स्टिंग दो साल चला था और इसे तहलका पत्रिका में प्रकाशित किया जाना था। पत्रकार मैथ्यू सैमुअल ने फिर बाद में तहलका छोड़ दिया और पश्चिम बंगाल में अपना खुद का टीवी चैनल लॉन्च किया। इस स्टिंग में सात सांसदों, चार मंत्रियों और एक विधायक और एक पुलिस अधिकारी सहित बारह टीएमसी नेताओं को रिश्वत के रूप में नकद की पेशकश की और ऑपरेशन को रिकॉर्ड किया गया।