पाक उच्चायुक्त तलब, उल्टे भारत पर किया पलटवार
नयी दिल्ली। भारत ने आज पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी जवानों द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन और आम लोगों को निशाना बनाए जाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। पुंछ जिले में पिछले दो दिनों से पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो चुकी है।
साउथ ब्लाॅक में बैठक के बाद बाहर आए बासित ने उल्टे भारत पर ही पलटवार करते हुए कहा कि इस ओर से जुलाई और अगस्त में एलओसी व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 70 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा, यह पता लगाने के लिए एक प्रभावी प्रणाली की जरूरत है कि संघर्ष विराम उल्लंघन में कौन लोग शामिल हैं। करीब 15 मिनट तक विदेश मंत्रालय में रहे बासित ने संवाददाताओं से कहा, हम संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं। जुलाई और अगस्त के महीने में एलओसी और कामकाजी सीमा के इस ओर से करीब 70 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया।
बासित से साफ-साफ कहा गया कि पाकिस्तान सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है कि पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय सीमा एवं नियंत्रण रेखा पर अमन-चैन में खलल न डाले।
इधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने अबु धाबी में कहा कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त को आज विदेश मंत्राालय में तलब किया गया था। पिछले आठ अगस्त से ही पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की ओर से बिना उकसावे के की जा रही फायरिंग का मुद्दा डीजीएमओ स्तर पर कई बार उठाया जा चुका है।
एनएसए स्तर की वार्ता से पहले बढ़ा तनाव
दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच होने वाली बातचीत से पहले पंजाब और जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों और संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं से दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच तल्खी उस समय और बढ़ गई थी जब पाकिस्तान ने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को बुलाने से इनकार कर दिया। भारत ने पाकिस्तान के इस रख के खिलाफ 30 सितंबर से आठ अक्तूबर को इस्लामाबाद में होने वाली बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
राष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष अधिकारी सरताज अजीज की 23 अगस्त को पहली बार यहां आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर बातचीत होगी। इस बारे में रूस के उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ की मुलाकात में फैसला हुआ था। वार्ता के दौरान उम्मीद की जा रही है कि भारत पाकिस्तानी सरजमीं से होने वाले आतंकवाद के ठोस सबूत देगा। पंजाब के गुरदासपुर और जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में हमलों के दौरान यह और भी उजागर हुआ है।
पाकिस्तान के उच्चायुक्त बासित ने गत शुक्रवार को कहा था कि उनका देश कश्मीरियों के जायज स्वतंत्रता संघर्ष का समर्थन नहीं छोड़ेगा। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, जम्मू कश्मीर में केवल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष है। एनएसए स्तर की वार्ता में भी यह विषय उठेगा।