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29 March 2020

मजदूरों की आवाजाही पर केंद्र सख्त, लॉकडाउन के उल्लंघन पर 14 दिन के लिए क्वारनटीन की चेतावनी

देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनज़र केंद्र ने रविवार को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्य और जिला की सीमाओं पर प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए कहा। साथ ही केंद्र ने चेतावनी दी कि लॉकडाउन के उल्लंघन करने वालों को 14 दिन के लिए क्वारनटीन में भेजा जाएगा।

मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर लोगों की कोई आवाजाही न हो क्योंकि लॉकडाउन जारी है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही हुई है। निर्देश जारी किए गए थे कि जिला और राज्य की सीमाओं को प्रभावी रूप से सील किया जाना चाहिए।"

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राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया कि शहरों या राजमार्गों पर लोगों की आवाजाही न हो और लॉकडाउन का कड़ाई से कार्यान्वयन हो। केवल माल की आवाजाही की अनुमति दी जानी चाहिए।

उल्लंघन पर 14 दिन तक क्वारनटीन

  बयान में कहा गया है कि जिन लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है और लॉकडाउन की अवधि में यात्रा की है, वे सरकारी संगरोध सुविधाओं में न्यूनतम 14 दिनों के संगरोध के अधीन होंगे।

जरूरतमंद के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था

  इन निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए जिला मजिस्ट्रेट और एसपी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।केंद्र सरकार के दो शीर्ष अधिकारियों ने सभी राज्यों के पुलिस और नागरिक प्रशासन के प्रमुखों से कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था करें और प्रवासी मजदूरों को उनके काम के स्थान पर रखा जाए।

राज्यों को आवश्यक निर्देश

  कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय के अधिकारी राज्य के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ लगातार संपर्क में हैं।कैबिनेट सचिव और गृह सचिव द्वारा शनिवार शाम के साथ-साथ मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की गई। बयान में कहा गया, " सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लॉकडाउन दिशानिर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन किया गया है। आवश्यक आपूर्ति भी बनाए रखी गई है। चौबीसों घंटे स्थिति की निगरानी की जा रही है और आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।"

राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे बिना किसी कट के लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने कार्यस्थल पर मजदूरों को मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करें। इस अवधि के लिए मजदूरों से हाउस रेंट की मांग नहीं की जानी चाहिए। बयान में कहा गया है कि जो लोग मजदूरों या छात्रों को परिसर खाली करने के लिए कह रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्यों को संगरोध के दौरान ऐसे व्यक्तियों की निगरानी के विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।

बड़ी संख्या में पैदल ही घर लौट रहे मजदूर

बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों ने पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में अपने काम के स्थानों को छोड़ दिया है और सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने मूल स्थानों पर जाने के लिए निकल पड़े हैं। कोरोनावायरस के प्रकोप से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों के पास पैदल चलने के अलावा कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।उनकी दुर्दशा देखकर, कुछ राज्य सरकारों ने उनके परिवहन, रहने और भोजन करने की व्यवस्था की है।

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TAGS: Centre orders, closure of state borders, stop migrants exodus, warns, lockdown violaters, 14-days quarantine
OUTLOOK 29 March, 2020
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