कोविड प्रभावित बच्चों की मदद के लिए छत्तीसगढ़ में 'चाइल्ड हेल्पडेस्क' सुविधा, ऐसे लें मदद
कोविड से प्रभावित बच्चों की सहायता और सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और यूनिसेफ ने संयुक्त रूप से बाल सहायता डेस्क (चाइल्ड हेल्पडेस्क) और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन की शुरुआत की है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेंडिया ने इस अवसर पर कहा कि बाल सहायता डेस्क महामारी के संदर्भ में बच्चों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हेल्पलाइन बच्चों की सुरक्षा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता और संवेदनशील वातावरण के निर्माण हेतु शासन के प्रयासों को दर्शाती है।
चाइल्ड हेल्पडेस्क क्वारंटाइन, आइसोलेशन या कोविड देखभाल केंद्रों में मौजूद बच्चों को भावनात्मक समर्थन, सूचना और प्राथमिक परामर्श प्रदान करेगा।ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड पॉजिटिव हैं, या कोविड के कारण माता-पिता की मृत्यु हो गयी हैं, या माता-पिता अगर बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ हैं, या जो बच्चे अनाथ हैं, खो गए हैं, अकेले है या छोड़ दिए गए है, ऐसे बच्चों को आश्रय प्रदान करते हुए उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास चाइल्ड हेल्प डेस्क द्वारा किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग सचिव रीना बाबासाहेब कांगले ने कहा, “चाइल्ड हेल्पडेस्क जरूरतमंद और संकटग्रस्त बच्चों तक पहुंचेगा और बाल तस्करी-दुर्व्यवहार से उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा। इस हेल्प डेस्क का प्रबंधन और संचालन प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा किया जाएगा।” छत्तीसगढ़ चाइल्ड हेल्पडेस्क टोल-फ्री सेवा -1800 572 3969 प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक संचालित होगी। इस नंबर पर बच्चे सुरक्षित वातावरण में पेशेवर सलाहकारों से बात कर सकेंगे।
छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ के प्रमुख जॉब ज़करिया ने कहा कि चाइल्ड हेल्प डेस्क टीम न केवल बच्चों की जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि बच्चों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने, और कानूनों का उल्लंघन किए बिना उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में जनता का मार्गदर्शन भी करेगी।