हेलीकाॅप्टर सौदा: पूर्व वायु सेना प्रमुख त्यागी और अन्य सीबीआई हिरासत में
सीबीआई ने पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी को हिरासत में भेजते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाली बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ किये जाने की आवश्यकता है। त्यागी के साथ ही उनके चचेरे भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली और अधिवक्ता गौतम खेतान को भी 14 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। ये भी संप्रग-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन स्थित कंपनी अगस्ता वेटस्टलैंड से वीवीआईपी हेलिकाॅप्टरों की खरीद के मामले में आरोपी हैं। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुजीत सौरभ ने उनको यह कहते हुए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 10 दिन की हिरासत की मांग की। सीबीआई ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाली बहुत बड़ी साजिश है। हालांकि, आरोपी की तरफ से उपस्थित वकील ने सीबीआई की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि मामले में प्राथमिकी तीन साल पहले दर्ज की गई थी और अब गिरफ्तारी के लिए कोई नया आधार नहीं है। वकील ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकाॅप्टरों की खरीद का फैसला सामूहिक था और प्रधानमंत्राी कार्यालय (पीएमओ) भी इसका हिस्सा था। उन्होंने अदालत से कहा, यह सामूहिक फैसला था, न कि त्यागी का व्यक्तिगत फैसला था। यह एक सामूहिक फैसला था, जिसका पीएमओ हिस्सा था।
इस बीच भारतीय वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए आज कहा इससे वायुसेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, मैं इस बात को लेकर पक्का हूं कि प्रत्येक भारतीय नागरिक कानून के शासन में भरोसा करता है और उचित प्रक्रिया जारी है। जो भी अंतिम फैसला होगा, हम उसे मानेंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर आगे कुछ कहने से यह कहते हुए इनकार किया कि मामला अदालत में है। सीबीआई ने सनसनीखेज 450 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड रिश्वत मामले में कल अपनी तरह की पहली कार्रवाई में त्यागी, उनके रिश्ते के भाई संजीव और वकील गौतम खेतान को गिरफ्तार किया। यह मामला 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की खरीद से जुड़ा है। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि वर्ष 2007 में सेवानिवृत्त हुए 71 वर्षीय त्यागी को पूछताछ के लिए संजीव और खेतान के साथ सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था और करीब चार घंटे चली पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। साल 2013 में एफआईआर दर्ज किए जाने के तीन साल बाद सीबीआई द्वारा इस मामले में ये पहली गिरफ्तारियां हैं। इटली में इस घोटाले के ब्यौरे उजागर होने के बाद आरोपों की जांच के लिए 2013 में मामला दर्ज किया गया था। इटली में अभियोजकों ने अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेकैनिका के प्रमुख के खिलाफ इस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।