हेलीकॉप्टर घोटाला: ईडी ने दूसरे आरोपपत्र में मिशेल का नाम लिया
ईडी की करीब 1300 पृष्ठों की अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र के लिए ईडी के समतुल्य) विशेष मनी लॉन्ड्रिंग निवारण कानून (पीएमएलए) अदालत के समक्ष नई दिल्ली में पिछले हफ्ते पेश की गई। इसमें कहा गया है कि मामले में एजेंसी की जांच में सामने आया है कि मिशेल को कथित तौर पर अगस्ता वेस्टलैंड से तीन करोड़ यूरो (करीब 225 करोड़ रुपये) मिले। इसमें कहा गया है कि यह राशि कुछ नहीं बल्कि वास्तविक लेनदेन की आड़ में कंपनी द्वारा दी गई रिश्वत है जो कंपनी के पक्ष में 12 हेलीकाप्टरों का सौदा कराने के लिए दी गई।
एजेंसी सूत्रों ने आज कहा कि अदालत के जल्द ही पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने की संभावना है। मिशेल के अलावा एजेंसी ने मीडिया एक्जिम प्रा.लि. और उसके निदेशकों आर.के. नंदा तथा जे.बी. सुब्रमण्यम का भी नाम आरोपपत्र में लिया है। मिशेल ने दो लोगों के साथ मिलकर कंपनी की स्थापना की थी।
इस मामले में ईडी और सीबीआई तीन बिचौलियों की जांच कर रही है जिनमें मिशेल के अलावा जी हश्के और कार्लो गेरोसा शामिल हैं। दोनों एजेंसियों ने अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद मिशेल के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस या वैश्विक गिरफ्तारी वारंट अधिसूचित किए हैं। हाल ही में भारतीय मीडिया ने दुबई में मिशेल के कई साक्षात्कार लिए थे और दोनों एजेंसियां चाहती हैं कि वह जांच में शामिल हों।
मामले में ईडी द्वारा दाखिल यह दूसरा आरोपपत्र है जिसमें करार में मिशेल की विस्तृत भूमिका, उनकी भारत की कई यात्राएं और उनके लेन-देन का जिक्र है। इस मामले में ईडी ने पहला आरोपपत्र नवंबर 2014 में दाखिल किया था। समझा जाता है कि मिशेल के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना आवश्यक था क्योंकि ईडी ने ब्रिटेन से मिशेल के प्रत्यर्पण की मांग की है। इसलिए दोनों देशों की संधि को लागू करने के लिए किसी आरोपी के खिलाफ इस प्रकार की अदालती शिकायत जरूरी है।
एजेंसी ने आरोपपत्र में यह भी कहा है कि तीनों बिचौलिए भारतीय वायुसेना को प्रभावित करने तथा उसके रुख में बदलाव के लिए उसमें पैठ बनाने में कामयाब रहे। इसमें कहा गया है कि हेलीकाप्टरों के लिए सेवा सीमा संबंधी ऊंचाई 2005 में छह हजार मीटर से कम कर 4500 मीटर किए जाने के संबंध में वायुसेना के रुख में बदलाव में उनकी भूमिका थी। इस परिवर्तन के बाद अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टरों की आपूर्ति के लिए योग्य बन सकी।
ईडी जांच में पता लगा है कि मिशेल ने अगस्ता वेस्टलैंड से मिली राशि अपनी दुबई स्थित कंपनी ग्लोबल सर्विसेज, एफजेडई के जरिये एक मीडिया कंपनी को भेजी जिसकी स्थापना दिल्ली में दो भारतीयों के साथ की गयी थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि हेलीकाप्टर सौदे में भ्रष्टाचार किया गया। धनशोधन निवारण कानून के तहत हुई जांच में सामने आया है कि अगस्ता वेस्टलैंड सीईओ ब्रूनो स्पागनोलिनी विभिन्न कंसल्टेंसी सौदे के रूप में मिशेल और दो अन्य बिचौलयों को रिश्वत दे रहे थे तथा इस व्यवस्था के तहत सिर्फ मिशेल को उनकी दुबई स्थित कंपनी के खातों और अन्य में तीन करोड़ यूरो मिले।
एजेंसी ने यह भी पता लगाया है कि दो भारतीयों के साथ मिशेल द्वारा दिल्ली में स्थापित मीडिया कंपनी और कुछ नहीं बल्कि एक मुखौटा कंपनी थी जो अपराध से हुई आय के धनशोधन के लिए थी। आरोपपत्र में मिशेल के कम से कम दो अन्य सहयोगियों का नाम लिया गया है जो दिल्ली में और मीडिया कंपनी में साथ थे। ईडी ने दोनों सहयोगियों की संपत्ति पिछले साल जब्त की थी। इसके अलावा उनके ड्राइवर नारायण बहादुर सहित उनसे जुड़े विभिन्न लोगों के बयान भी संलग्न किए गए हैं।