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21 October 2017

कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं पर सेना प्रमुख बोले, 'चुनौती नहीं, कानून व्यवस्था का मामला'

ANI

जम्मू-कश्मीर में इन दिनों चोटी कटने की घटनाओं को लेकर खूब हो-हंगामा हो रहा है। एक तरफ चोटी काटने के आरोप में कई लोगों पर भीड़ ने हमले किए तो वहीं अलगाववादियों द्वारा सेना पर भी चोटी काटने का आरोप लगाया जा रहा है। चोटी कांड पर अलगाववादियों ने शनिवार को घाटी में बंद बुलाया गया है।

इस बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं को कानून व्यवस्था का मामला करार दिया है। जनरल रावत ने शनिवार को कहा कि चोटी कांड कानून व्यवस्था का मामला है और इससे निपटने के लिए कश्मीर पुलिस कार्रवाई कर रही है।

जनरल रावत ने कहा कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा हालात बेहतर हो रहे हैं और जो कुछ भी घटनाएं हो रही हैं, वे आतंकियों की हताशा को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, “कश्मीर में हम सरकार के दृष्टिकोण के हिसाब से चल रहे हैं और एनआईए के छापे उसी का हिस्सा है।”

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गौरतलब है कि पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में बारामुला जिले के सोपोर में पुलिस ने ‘मानसिक रूप से अस्वस्थ’ एक व्यक्ति को भीड़ की चंगुल से बचाया। हिंसक भीड़ चोटी कटवा होने के संदेह में उसकी हत्या करने पर उतारू थी। एनडीटीवी के मुताबिक, पुलिस के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि यहां से 52 किलोमीटर दूर सोपोर के फल मार्केट में स्थानीय लोगों की भीड़ ने कथित चोटी कटवा को घेर रखा है। उन्होंने बताया, “तत्काल पुलिस का एक दल घटनास्थल पहुंचा और देखा कि भीड़ एक व्यक्ति को बुरी तरह पीट रही है।”

घाटी में कथित तौर पर चोटी कटने की कई घटनाएं सामने आई हैं। जिसे लेकर अब राजनीति भी की जा रही है। सैय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और यासिन मलिक जैसे नेताओं ने चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ घाटी में बंद का ऐलान किया है।

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TAGS: Choti Katawa, jammu and Kashmir, not a big challenge, army chief bipin rawat
OUTLOOK 21 October, 2017
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