कोल घोटाला: मनमोहन सिंह को कोर्ट का समन
ओडिशा में 2005 में तालाबीरा-2 कोयला ब्लाक आवंटन से जुड़े कोयला घोटाला के एक मामले में विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख और तीन अन्य को आज आरोपी के तौर पर समन जारी किए और आठ अप्रैल को पेश होने के लिए कहा है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने आईपीसी की धाराओं 120 बी ( आपराधिक साजिश ) और 409 ( किसी लोकसेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात ) तथा भ्रष्टाचार रोकथाम कानून ( पीसीए ) के प्रावधानों के तहत छह आरोपियों को कथित अपराधों के लिए समन किया है।
इन तीनों के अलावा अदालत ने मामले में हिंडाल्को, इसके अधिकारियों शुभेंदु अमिताभ और डी भट्टाचार्य को भी आरोपी के तौर पर समन किया। दोषी ठहराए जाने पर आरोपियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। ये मामला 2005 में हिंडाल्को को ओडिशा में तालाबीरा-2 कोयला ब्लाक आवंटन करने से जुड़ा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री के पास उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार था। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी ( आपराधिक साजिश ) और पीसीए के प्रावधानों के तहत अपनी एफआईआर में कथित अपराध के लिए पारख, बिड़ला, हिंडाल्को इंडस्टीज लिमिटेड और अन्य अग्यात लोगों का नाम लिया है।
हालांकि, एजेंसी ने बाद में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी जिसे उसने मानने से इंकार कर दिया। अदालत ने पिछले साल 16 दिसंबर के अपने आदेश में सीबीआई से पूर्व प्रधानमंत्री सिंह और उनके तत्कालीन प्रधान सचिव टी के ए नायर और तत्कालीन निजी सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम सहित उस समय प्रधानमंत्री कार्यालय ( पीएमओ ) के कुछ शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ करने को कहा था।
पारख एवं हिंडाल्को ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने कोई गलत काम किया है। यह आदेश जारी करते हुए न्यायाधीश ने कहा मैं छह आरोपियों हिंडाल्को, शुभेंदु अमिताभ, डी भट्टाचार्य, कुमार मंगलम बिड़ला, पी सी पारख और डाक्टर मनमोहन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 एवं 409 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (।) सी तथा 13 (।, डी 3) के तहत हुए अपराध का संग्यान ले रहा हूं। भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (।, सी) लोकसेवकों द्वारा उन्हें सौंपी गई संपत्ति का दुरपयोग या किसी अन्य व्यक्ति को इसका दुरपयोग करने की अनुमति प्रदान करने से जुड़ा है। धारा 13 (।, डी, 3) लोकसेवक द्वारा किसी व्यक्ति के लिए वित्तीय लाभ प्राप्त करने से जुड़ा है जिसमें कोई लोकहित शामिल न हो।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि कोयला घोटाले में निचली अदालत ने जो कार्यवाही की है, उसे देखना होगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह मामला क़ानूनी कम और राजनीतिक ज़्यादा है।