नक्सलियों के कब्जे में जवान, पत्नी का छलका दर्द, कहा- सरकार ने अब तक नहीं की कोई कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद बंधक बनाए गए सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का परिवार सरकार से जल्द से जल्द उन्हें नक्सलियों से छुड़ाने की अपील कर रहा है। एएनआई द्वारा की गई बातचीत में राकेश्वर की पत्नी मीनू ने बताया कि उनके लापता पति को ढूंढने के लिए सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से उन्हें नक्सलियों के चंगुल से जल्द रिहा करवाने की मांग की है।
इतना ही नहीं जम्मू के स्थानीय लोग और मन्हास का परिवार उन्हें नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाने की मांग को लेकर जम्मू-अखनूर हाईवे जाम कर रहे हैं।
राकेश्वर की पत्नी ने मीडिया को बताया कि अगर कोई जवान छुट्टी खत्म होने के एक दिन बाद अपनी ड्यूटी पर जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। अब जब जवान 3 अप्रैल से लापता है तो सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। मीनू ने सरकार से निवेदन किया कि हम चाहते हैं सरकार उनलोगों की तलाश करे जिससे वह रिहा हो जाए।
बता दें कि कोबरा कमांड़ो राकेश्वर सिंह का परिवार गहरे सदमें में हैं। वह 3 अप्रैल से लापता है। वहीं सरकार और सीआरपीएफ द्वारा भी उनके बारे में उनके परिवार को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। मीडिया में आई खबरों के बाद उन्हें राकेश्वर के लापना होने की खबर मिली थी। जिसके बाद राकेश्वर की पांच साल की बेटी, उनकी पत्नी मीनू और उनका पूरा परिवार उनके सुरक्षित घर वापसी का बेसब्री से इंतजान कर रहा है।
मिन्हास की पांच साल की बेटी श्रग्वी अपने पिता को मुक्त करने की गुहार लगा रही है। बच्ची का एक वीडियो जारी हुआ है, जिसमें वह रोते हुए कहती है 'प्लीज मेरे पापा को छोड़ दीजिए।' बता दें कि सीआरपीएफ की बटालियन पर किए गए हमले में कम से कम 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं और नक्सलियों का दावा है कि मिन्हास उनके कब्जे में हैं।
उनकी पत्नी मीनू ने कहा कि मिन्हास से उनकी आखिरी बातचीत शुक्रवार को रात साढ़े नौ बजे हुई थी, जब वह ड्यूटी के लिए रवाना हो रहे थे। मीनू ने कहा कि उनके पति ने देश की 10 साल तक सेवा की और अब सरकार की बारी है कि वह उन्हें सुरक्षित वापस लाए।