प्रवासी मजदूर मामले में सुरजेवाला ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, हस्तक्षेप की मांग
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के समक्ष पेश आ रही परेशानियों का स्वत: संज्ञान लेने के मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा है कि वह "कुछ ख़ास उपायों" से शीर्ष अदालत को अवगत कराना चाहते हैं, जो कि केंद्र द्वारा उन प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर विचार करने के लिए उपयोगी हो सकता है जो लॉकडाउन के कारण कठिनाई में फंसे हुए हैं या लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं।
संयुक्त समिति का गठन करने में भारत सरकार विफल
वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, " सरकार ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर कोई जॉइंट कमिटि नहीं बनाया है और न ही किसी विपक्षी पार्टी या सांसद की सलाह पर ही विचार कर रही है। इसलिए याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।"
स्वागत और सुविधा केंद्र स्थापित करने की मांग
सुरजेवाला ने अधिवक्ता सुनील फर्नांडिस के माध्यम से दायर अपनी याचिका में सुझाव दिया है कि केंद्र तुरंत मजदूरों को प्राप्त करने और अपने मूल जिलों या गांवों में आगे की यात्रा की सुविधा के लिए जिला और गांव स्तर पर स्वागत और सुविधा केंद्र स्थापित करे।
अदालत ने लिया था स्वतः संज्ञान
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को देश भर में फंसे प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर संज्ञान लेते हुए इस पर कहा था कि उन्हें संबंधित सरकारों द्वारा मुफ्त भोजन और आश्रय के साथ "राहत और मदद" की आवश्यकता है। शीर्ष अदालत ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया था और इस मुद्दे पर 28 मई तक उनके जवाब मांगे थे।