कोरोना वायरस: डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है लैम्बडा वैरिएंट, जानें क्यों है चिंताजनक
कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट ने दुनिया भर में चिंताएं बढ़ा दी है वहीं अब कोरोना वायरस के लैम्बडा वैरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। हालांकि सूत्रों के अनुसार भारत में अब तक कोरोना वायरस का लैम्बडा वैरिएंट नहीं पाया गया है।
मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया है। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अबतक 30 से अधिक देशों में लैम्बडा वैरिएंट के मामले मिले हैं। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट किया और बताया कि लैम्बडा स्ट्रेन पेरू में सबसे पहले पाया गया, यह दुनिया में सबसे ज्यादा मृत्युदर वाला देश है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ब्रिटेन में भी लैम्बडा वैरिएंट के कुछ मामले सामने आए हैं। बता दें कि कुछ स्वास्थ्य अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ये वैरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। पैन अमेरिकी स्वास्थ्य संगठन के हवाले से बताया गया कि पेरू में मई और जून के दौरान कोरोना वायरस के दर्ज किए गए कुल मामलों में से 82 प्रतिशत मामलों में लैम्बडा वैरिएंट पाया गया था।
वहीं चिली में मई और जून में दर्ज किए गए कुल मामलों में से 31 प्रतिशत मामलों में लैम्बडा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। डब्ल्यूएचओ ने पहले ही लैम्बडा वैरिएंट को दक्षिण अमेरिका में वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि लैम्बडा बाकी म्यूटेंट्स से ज्यादा आक्रामक है और एंटीबॉडी पर तेज हमला करता है।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार ब्रिटेन में लैम्बडा के अबतक 6 मामले सामने आए हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि इस वैरिएंट के चलते ज्यादा गंभीर बीमारी हो सकती है या ये टीकों को भी बाइपाइस कर सकता है।