भारत में कोरोना वायरस के 30 मामले, एनसीपीसीआर ने स्कूलों के लिए जारी की एडवाइजरी
दुनियाभर में तीन हजार से अधिक जानें ले चुका कोरोना वायरस अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 30 हो गई है। गाजियाबाद में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है। । वहीं इससे पहले 23 मामले सिर्फ बुधवार को ही आए थे।लिहाजा केंद्र और राज्य सरकारें इसके लिए पूरी तरह सतर्क हैं। एयरपोर्ट, बंदरगाहों पर भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। इसके प्रकोप को देखते हुए कोरोना मरीजों को बीमा कवर देने की तैयारी में भी सरकार जुट चुकी है। रेग्युलेटरी इरडा ने कंपनियों को इसके लिए सर्कुलर जारी किया है। वहीं स्कूलों में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एडवाइजरी जारी की है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर फैली दहशत के बीच देश में एक ही दिन में 23 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। इनमें आगरा के एक ही परिवार के छह लोगों समेत सात भारतीय नागरिक और इटली के 16 पर्यटक हैं। यहां अब तक 29 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है, जिनमें से तीन पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। बाकी 25 का इलाज चल रहा है और सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है। नोएडा के स्कूलों से जिन बच्चों के सैंपल लिए गए थे उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस बीच, संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाली सभी उड़ानों और यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग का फैसला किया है। इसके साथ ही जांच के लिए देश 19 नई लैब शुरू की जा रही हैं। देशभर में 21 एयरपोर्ट पर 6 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जबकि नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर 10 लाख से अधिक की स्क्रीनिंग हुई है। बता दें कि कोरोना के संक्रमण से दुनियाभर में 3000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और 90 हजार से अधिक लोगों को इसने बीमार कर रखा है।
एनसीपीसीआर ने स्कूलों के लिए जारी की एडवाइजरी
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से बुधवार को कहा कि वे अपने यहां के स्कूलों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कारगर कदम उठाएं तथा संबंधित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कराएं। राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा, ‘‘वर्तमान शैक्षणिक सत्र का आखिरी समय होने की वजह से बच्चों के लिए यह महत्वपूर्ण है। लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि कोरोना का असर नहीं हो।’’ उन्होंने कहा कि संबंधित राज्यों के शिक्षा विभाग अपने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कारगर कदम उठाएं। कानूनगो ने कहा कि कोरोना वायरस के संदर्भ में जारी दिशानिर्देशों और परामर्शों का भी सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और एचआरडी मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्कूलों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कोरोनावायरस से जुड़े लक्षणों के प्रति अलर्ट रहने बच्चों की साफ-सफाई को लेकर खासतौर पर सजग रहने को कहा गया है।
इसमें कहा गया है-
-बच्चों को अपने हाथ सैनिटाइजर से धोने को कहें
-किसी में भी वायरस के लक्षण दिखने पर तुरंत सूचित करें
-स्कूल में ज्यादा भीड़ एकत्र ना होने दें।
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों के लिए बुधवार को एक एडवाइजरी जारी की है। विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वह छात्रों और छात्रों में कोरोना वायरस के प्रति जागरुकता फैलाई जाए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा, केंद्र सरकार भारत में कोरोना वायरस को फैसले से रोकने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। लेकिन इससे बचाव के लिए पब्लिक एरिया में लोगों को जागरुक करना भी बहुत जरूरी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह छात्रों में इस वायरस से बचाव के लिए जागरुकता फैलाई जाए। स्कूलों से कहा गया है कि वह बच्चों को अच्छे से हाथ साफ करने के लिए प्रेरित करें। खासकर जब वह खांसते या छींकते हैं तो उस दौरान मुंह पर कपड़ा रखने के लिए कहा जाए। इसके अलावा जब वह बीमार हों तो उन्हें स्कूल और लोगों के बीच जाने से रोका जाए।
कोरोना मरीजों को बीमा कवर देने की तैयारी
लोगों में कोरोना वायरस को लेकर जहां दहशत का आलम हैं, वहीं इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी यानी इरडा ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसी तैयार करने को कहा है जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो। कोरोना को बीमा कवर में शामिल किए जाने का संभवतः यह दुनिया का पहला प्रस्ताव है। इरडा ने बुधवार को बयान जारी कर कहा, 'स्वास्थ्य बीमा की जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से बीमा कंपनियों को सुझाव दिया जाता है कि वे ऐसे प्रॉडक्ट डिजाइन करें जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो।' इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का तेजी से निपटान करें। इरडा ने कहा कि जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड-19 से संबंधित मामलों का तेजी से निपटान किया जाए। बीमा रेग्युलेटरी ने सर्कुलर में कहा, 'कोविड-19 के अंतर्गत आने वाले सभी दावों का निपटान से पहले उनकी रिव्यू कमिटी द्वारा समीक्षा की जाएगी।'