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21 February 2015

गोपनीय दस्तावेज से घेरे में कई नामी कंपनियां

गूगल

शुक्रवार को गिरफ्तार पांचों आरोपी नामी कंपनियों से संबद्ध रखते हैं। सूत्रों के मुताबिक अंबानी समूह के दो लोग एडीएजी के ऋषि आनंद, आरआईएल के शैलेश, जुबिलेंट एनर्जी के सुभाष चंद्र, एस्सार समूह के विनय कुमार और केआरएन्स के केके नायर शामिल हैं।
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने पेट्रोलियम मंत्रालय के नीतिगत फैसलों से जुड़े गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में पहले सात लोगों को गिरफ्तार किया था लेकिन पुलिस ने पांच लोगों को और हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस ने एक कॉर्पोरेट हाउस के दफ्तरों पर छापे भी मारे हैं।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, इन पर पेट्रोलियम दामों से जुड़े सरकारी दस्तावेज लीक करने का आरोप है। इस मामले में सबसे पहले पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़े तीन बिचैलियों और दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था। इसे व्यापारिक घरानों के जासूसी से जुड़ा मामला भी माना जा रहा है। आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इन पर चोरी और धोखाधड़ी संबंधी एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपी नीति संबंधी जरूरी कागज चुराकर उन्हें 10 से 20 हजार रुपये में बेच देते थे।
पुलिस जांच में कई और चैकाने वाले तथ्य सामने आए है। सूत्रों के मुताबिक केवल पेट्रोलियम मंत्रालय ही नहीं कोयला, रक्षा, वित्त, खनन आदि मंत्रालयों के दस्तावेज भी इसी तरह से प्राप्त किए जा रहे थे।
उधर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि घटना के पीछे जो भी होंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जबकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज का बयान आया है, जिसमें उनके एक कर्मचारी को हिरासत में लिए जाने की बात कही गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का कहना है कि वह जांच में पूरी मदद करेगी।

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TAGS: गोपनीय दस्तावेज, कंपनियों, अंबानी, क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस
OUTLOOK 21 February, 2015
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