कोर्ट ने पूछा, जिंदल का पासपोर्ट क्यों नहीं जब्त किया
विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने सीबीआई निदेशक को यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि आरोपियों का पासपोर्ट जब्त करने के लिए मामले में जांच के दौरान एक समान नीति अपनाई जाए। न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा, यह स्पष्ट है कि मामला दर्ज होने पर सीबीआई ने जहां सभी आरोपियों के पासपोर्ट जब्त करने की एक समान नीति अपनाई है, मौजूदा मामले में उन्होंने अलग नीति अपनाई और इसका कारण उन्हें ही मालूम होगा।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ सरकारी वकील वी.के. शर्मा ने अदालत को बताया कि सीबीआई कार्यालय में यह फैसला लिया गया कि जांच के दौरान नवीन जिंदल का पासपोर्ट जब्त नहीं किया जाएगा। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि सीबीआई के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा कराने के लिए जिंदल को नोटिस भी जारी किया गया था लेकिन कुछ समय लेने के बाद उन्होंने जांच एजेंसी को अपने पासपोर्ट की एक रंगीन प्रति देते हुए उनसे यह अनुरोध किया कि उनका पासपोर्ट जब्त नहीं किया जाए।
अदालत ने सीबीआई निदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस तरह के मुद्दे पर एक समान नीति का पालन किया जाए। मामले में जिंदल और अन्य 14 लोगों के खिलाफ सीबीआई के आरोप पत्र पर गौर करने के लिए अदालत ने छह मई की तिथि निर्धारित की है। यूपीए के राज में हुए कोयला घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उद्योगपति और कांग्रेसी नेता नवीन जिंदल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा, पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता समेत 14 लोगों के खिलाफ बुधवार को चार्जशील दाखिल की थी। चार्जशीट में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड समेत पांच के खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।