आईएस के 12 संदिग्ध आतंकी 5 फरवरी तक एनआईए हिरासत में
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अदालत में यह कहते हुए आरोपियों को हिरासत में देने का अनुरोध किया कि भारत में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए आईएसआईएस किस तरह की साजिश कर रहा है इसका पता लगाने के लिए उसे आरोपियों से पूछताछ करनी होगी। जांच एजेंसी ने अदालत को इस बात की जानकारी दी कि गणतंत्र दिवस से पहले हमले की योजना बनाने के आरोप में इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने आरोपियों की 14 दिन की हिरासत की मांग करते हुए अदालत से कहा कि हिरासत में उनकी गतिविधियों और नेटवर्क के बारे में और सबूत जमा करने के लिए पूछताछ की जाएगी। उनके बयानों के सत्यापन और मिलान के लिए विभिन्न जगहों पर उनकी मौजूदगी की भी जरूरत होगी। याचिका में कहा गया, शुरूआती जांच में सभी आरोपियों ने भर्ती किए जाने वाले तथा सीरिया में आईएसआईएस से जुड़ने के इच्छुक लोगों को पैसा देने के मामले में अपनी संलिप्तता के बारे में कई खुलासे किए हैं।
अदालत में पेश किए गए 12 आरोपियों में बेंग्लुरु निवासी मोहम्मद अब्दुल अहद, मोहम्मद अफजल, हैदराबाद का मोहम्मद शरीफ मोइनुद्दीन खान और मोहम्मद ओबैदुल्लाह खान, मुंबई का मुदाबिर मुश्ताक शेख और मोहम्मद हुसैन खान, लखनऊ का मोहम्मद अलीम, औरंगाबाद का इमरान, तमिलनाडु का आसिफ अली और कर्नाटक का सैयद मुजाहिद और नजमुल हुदा है। गिरफ्तार 12 आरोपियों में से 10 की तरफ से पेश हुए वकील एम एस खान ने एनआईए की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि एजेंसी ने महज संदेह के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है और उनमें से किसी ने आतंकी कृत्य नहीं किया है। खान ने यह भी दलील दी कि आरोपियों को 22 और 23 जनवरी को गिरफ्तार किया गया और तबसे वे एनआईए की हिरासत में हैं। इसलिए उन्हें आगे एजेंसी की हिरासत में देने की कोई जरूरत नहीं है।
एनआईए ने अपनी रिमांड याचिका में कहा कि आरोपी स्काइप सिग्नल और टिलियन के इंटरनेट चैटिंग के जरिए सीरिया में आईएस के सक्रिय सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में थे और विचारधारा गतिविधियों के प्रसार में आईएसआईएस से जुड़ने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों का भी इस्तेमाल करते थे। जांच एजेंसी ने बताया कि इन लोगों को सीरिया में आईएस के सक्रिय सदस्यों के साथ नियमित तौर पर इंटरनेट के जरिये चैटिंग करने के लिए गिरफ्तार किया गया। इनपर सीरिया में आईएसआईएस से जुड़ने के इच्छुक लोगों की भर्ती करने और वित्तपोषण करने में संलिप्त रहने का आरोप है।