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24 April 2021

मई के मध्य में पीक पर होगा कोरोना संक्रमण, हर रोज 5,600 से अधिक की होगी मौत- स्टडी

PTI

भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। हर दिन कोरोना संक्रमितों के रिकॉर्ड टूट रहे हैं और लोगों की जानें जा रही हैं। आईआईटी के वैज्ञानिकों ने बताया है कि दूसरी लहर का पीक देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर 11 से 15 मई के बीच चरम पर होगी। कब आएगा। ये बाते भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है। वहीं, यूएस स्टडी ने भी दावा किया है कि देश में मई के मध्य में पीक पर संक्रमण होगा, हर रोज 5,600 से अधिक की मौत होगी।

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आईआईटी वैज्ञानिकों का कहना है कि उस समय देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 33 से 35 लाख तक पहुंच सकती है और इसके बाद मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,46,786 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि रिकॉर्ड 2,624 और मौते हुई है। अभी पूरे देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 25 लाख से अधिक हो गई है।

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आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड दस ससेक्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टड (पॉजिटिव) ऐंड रिमूव एप्रोच (सूत्र) मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 10 लाख तक की वृद्धि हो सकती है। 

महाराष्ट्र में आ चुका है पीक?

वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना नए मामलों के संदर्भ में 25 से 30 अप्रैल के बीच नई ऊचांई छू सकते हैं जबकि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ संभवत: पहले ही नए मामलों के संदर्भ में चरम पर पहुंच गए हैं। आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने को बताया, ‘हमने पाया कि 11 से 15 मई के बीच उपचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की तार्किक वजह है और यह 33 से 35 लाख हो सकती है। यह तेजी से होने वाली वृद्धि है लेकिन उतनी तेजी से ही नए मामलों में कमी आने की संभावना है और मई के अंत तक इसमें नाटकीय तरीके से कमी आएगी।’

वैज्ञानिकों ने अब तक इस अनुसंधान पत्र को प्रकाशित नहीं किया है और उनका कहना है कि सूत्र मॉडल में कई विशेष पहलू हैं जबकि पूर्व के अध्ययनों में मरीजों को बिना लक्षण और संक्रमण में विभाजित किया गया था। नए मॉडल में इस तथ्य का भी संज्ञान लिया गया है कि बिना लक्षण वाले मरीजों के एक हिस्से का पता संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की जांच या अन्य नियमों के द्वारा लगाया जा सकता है।

15 अप्रैल को पीक आने का था अनुमान

इस महीने की शुरुआत में गणितीय मॉडल के माध्यम से अनुमान लगाया गया था कि देश में 15 अप्रैल तक संक्रमण की दर अपने चरम पर पहुंच जाएगी लेकिन यह सत्य साबित नहीं हुई। अग्रवाल ने कहा, ‘मौजूदा चरण के लिए हमारे मॉडल के मापदंड लगातार बदल रहे हैं, इसलिए एकदम सटीक आकलन मुश्किल है। यहां तक कि रोजाना के मामलों में मामूली बदलाव से पीक की संख्या में हजारों की वृद्धि कर सकते हैं।’

अग्रवाल ने बताया कि महामारी का पूर्वानुमान लगाने के लिए मॉडल में तीन मापदंडों का इस्तेमाल किया गया है। पहला बीटा या संपर्क, जिसकी गणना इस आधार पर की जाती है कि एक व्यक्ति ने कितने अन्य को संक्रमित किया। उन्होंने बताया कि दूसरा मापदंड है कि महामारी के प्रभाव क्षेत्र में कितनी आबादी आई, तीसरा मापदंड पुष्टि हुए और गैर पुष्टि हुए मामलों का संभावित अनुपात है।

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TAGS: Covid-19 Pick: COVID-19 Second Wave, Peak By Mid-May, Predict Scientists At IIT
OUTLOOK 24 April, 2021
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