ओडिशा में चक्रवाती तूफान 'अम्फान' का खतरा, 12 जिलों में हाई अलर्ट
कोरोना वायरस महामारी के बीच अब देश में चक्रवाती तूफान अम्फान अपना कहर बरपा सकता है। अगले 12 घंटों में ओडिशा और पश्चिम बंगाल में इसका असर देखा जा सकता है। यह समस्या बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के कारण उठने वाले तूफान के रूप में खड़ी है जिसे अम्फान नाम दिया गया है। ओडिशा सरकार ने केंद्र सरकार से प्रभावित क्षेत्रों में श्रमिक ट्रेन न चलाने का निवेदन किया है। चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 12 तटीय जिलों में अलर्ट जारी किया है।
अगले 12 घण्टों में खतरनाक हो सकता है यह तूफान
मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले 12 घंटे में ये तूफान और ज्यादा खतरनाक रूप ले सकता है इसीलिए ओडिशा सरकार ने 12 जिलों में अलर्ट घोषित किया है। बताया जा रहा है कि 19 मई तक इसकी रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा की हो सकती है। इसकी वजह से ओडिशा, बंगाल में दो दिनों तक भारी बारिश भी होगी। 20 मई तक यह दोनों राज्यों को पार करेगा।
मौसम विभाग ने रविवार सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर तूफान को लेकर ताजा बुलेटिन जारी किया। इसके मुताबिक ये तूफान फिलहाल बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में है और ये उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है। हवा की रफ्तार इस वक्त 6 किलोमीटर प्रतिघंटा है। तट से इसकी दूरी का हिसाब लगाया जाए तो ये ओडिशा के पारादीप से 990 किलोमीटर दक्षिण में है। जबकि पश्चिम बंगाल के दीघा से इसकी दूरी 1140 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, अगले छह घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान में गंभीर औऱ तेजी आने की संभावना है और 12 घंटे के दौरान बहुत भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। यह सोमवार तक लगभग उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है और फिर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में उत्तर-पूर्व की ओर फिर से बढ़ेगा।
ट्रेन न चलवाने की मांग
ओडिशा में चक्रवात के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि राज्य से होकर गुजरने वाली ट्रेनों को रोक दिया जाए। ओडिशा सरकार ने राज्य के तटीय इलाकों से होकर गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को 3-4 दिन के लिए निलंबित करने की मांग की है। बालासोर, भद्रक, जजपुर और गंजम जिलों के अम्फान तूफान से प्रभावित होने की आशंका है। मांग की गई है कि अम्फान को ध्यान में रखते हुए ओडिशा के तटीय इलाकों में आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को 18 मई से तीन दिन के लिए निरस्त कर दिया जाए।
एनडीआरएफ टीमों की तैनाती
ओडिशा के स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ने बताया कि तूफान से निपटने के लिए सीएम ने एनडीआरएफ की टीमों की पूर्व तैनाती को लेकर आदेश जारी किए हैं। साथ ही तूफान के प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के लिए कहा है। इसके अलावा रोड क्लियरेंस के लिए मानव संसाधन को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। ओडिशा के बालासोर, भद्रक, केंद्रपारा, पुरी, जगतसिंहपुर, जयपुर और मयूरभंज जिलों में 10 और कटक के मुंदाली में 7 एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। विशाखापट्टनम में भारतीय नौसेना के जहाज सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में मनवीय सहायता और मेडिकल सेवाओं के लिए तैनात रहेंगे। इसके अलावा ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जेमिनी बोट्स और मेडिकल टीमों के साथ बचाव दल की 20 रेस्क्यू टीमें तैनात रहेंगी। विशाखापट्टनम और अराक्कोनम के नवल एयर स्टेशन्स पर नवल एयरक्राफ्ट्स भी तैयार खड़े रहेंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।
मछुआरों को सलाह
ओडिशा सरकार ने कहा, 'समुद्र की स्थिति दक्षिण और निकटवर्ती बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में अशांत होगी, जिसके कारण मछुआरों को 15 मई, 2020 से दक्षिण और मध्य महासागर में नहीं जाने की सलाह दी गई है।' मौसम विभाग ने कहा कि समुद्र की स्थिति दक्षिण व निकटवर्ती बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में अशांत होगी, जिसके कारण मछुआरों को 15 मई, 2020 से दक्षिण और मध्य महासागर में नहीं जाने की सलाह दी गई है। जो लोग समुद्री क्षेत्र में हैं, उन्हें रविवार शाम तक वापस लौटने की सलाह दी गई है।