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01 April 2016

दारुल उलूम का फतवा, मुस्लिम न बोलें भारत माता की जय

गूगल

मुस्लिमों को भारत माता की जय बोलने से परहेज करने की हिदायत संबंधी कल जारी इस फतवे पर दारूल उलूम देवबंद के पीआरओ अशरफ उस्मानी ने आज बताया कि इस मामले पर हजारों लोगों ने सवाल पूछा था इसे देखते हुए दारूल उलूम देवबंद ने फतवा दिया है। उन्होंने बताया, फतवे के अनुसार, भारत माता की जय बोलना इस्लाम में नहीं आता है। इसलिए हम यह नहीं बोलेंगे लेकिन हम अपने वतन से बेपनाह मोहब्बत करते हैं और हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगा सकते हैं, मादरे वतन जिंदाबाद का नारा लगा सकते हैं। दारूल उलूम ने भारत माता की जय बोलने के खिलाफ फतवा देते हुए कहा है कि इंसान ही इसांन को जन्म दे सकता है तो धरती मां कैसे हो सकती है।

 

भाजपा ने दारुल उलूम से जारी फतवे की आलोचना करते हुए इसे राष्ट्रवाद का सांप्रदायिकरण करार दिया है। वहीं शिवसेना ने इसे नए आतंकवाद की संज्ञा दी। इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने यह कहकर एक विवाद को हवा दे दी थी कि बच्चों को भारत माता की जय बोलने की शिक्षा दिए जाने की जरूरत है। इसके जवाब में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भारत माता की जय न बोलने संबंधी बयान देकर इस पर देश में एक नई बहस छेड़ दी। ओवैसी ने तो यह तक कहा कि अगर उनकी गर्दन पर छुरी रख दी जाए तब भी वह यह नारा नहीं लगाएंगे। इसके बाद मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया और शिवसेना, भाजपा तथा अन्य दलों ने हैदराबाद के सांसद को उनके रूख के लिए जी भरकर कोसा।

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TAGS: विवाद, राजनीति, फतवा, देश, भारत माता की जय, विवाद, इस्लामिक शिक्षण संस्थान, दारूल उलूम देवबंद, मूर्ति पूजा, इस्लाम, इजाजत, भाजपा, शिवसेना, आरएसएस, मोहन भागवत
OUTLOOK 01 April, 2016
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