Advertisement
18 January 2018

जानिए, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएमओ पर क्यों लगाया 5000 रुपये का हर्जाना

प्रधानमंत्री कार्यालय पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 5000 रुपये का हर्जाना लगाया है। दरअसल, एक पीआईएल का जवाब दाखिल होने में देरी के बारे में नाराजगी व्यक्त करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और कानून मंत्रालय पर ये हर्जाना लगाया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की पीठ ने सुनील कंडू द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया।

याचिका में केंद्र सरकार द्वारा कैग की मात्र दस रिपोर्टों पर संज्ञान लेने का मुद्दा उठाया गया है, जबकि कैग प्रतिवर्ष पांच हजार रिपोर्ट केन्द्र को देती है। याची ने बताया कि याचिका में कैग के सुधार संबंधी मुद्दा के साथ-साथ प्रदेश में महालेखाकार द्वारा पिछले दस वर्षों में लगाए गए लेखा परीक्षा आपत्तियों पर कोई कार्रवाई न होने का मुद्दा भी उठाया गया है।

Advertisement

याचिका पर 9 जनवरी को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि 1 अगस्त 2017 को ही प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था, इसके बावजूद अभी तक जवाब दाखिल नहीं हुआ। सुनवाई के दौरान प्रतिवादी संख्या एक और दो की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने न्यायालय से जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक और मौका दिए जाने की मांग की। इस पर न्यायालय ने पांच हजार रुपये के हर्जाने की शर्त के साथ तीन सप्ताह का मौका दे दिया है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Delay in response to PIL, Allahabad HC, imposes Rs 5000 cost on PMO
OUTLOOK 18 January, 2018
Advertisement