Advertisement
23 September 2018

ओडीएफ घोषित किये जाने के बावजूद गुजरात के ग्रामीण इलाकों में लाखों शौचालयों की जरूरत

कुछ महीनों पहले ‘खुले में शौच से मुक्त’ (ओडीएफ) घोषित किये जाने के बावजूद गुजरात को अभी भी लाखों शौचालयों की जरूरत है। एक आरटीआई के जवाब के अनुसार गुजरात के ग्रामीण घरों में अभी लाखों शौचालयों की आवश्यकता है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरटीआई कार्यकर्ता हितेश चावडा द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में जिला प्रशासन ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण’ योजना के तहत दाहोद में इस वर्ष मई-जून तक 1.40 लाख परिवारों को शौचालय नहीं मिले हैं।

इसके अलावा वडोदरा में 17,874 परिवारों, छोटा उदयपुर में 26,687, कच्छ में 14,878, साबरकांठा में 34,607, पाटन में 27,180, महीसागर में 19,526 और अमरेली जिले में 21,320 परिवारों के घरों में शौचालय नहीं हैं।

Advertisement

अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की आवश्यकताएं हर वर्ष आने की उम्मीद है क्योंकि परिवार बंट रहे है।

राज्य ग्रामीण विकास विभाग ने जवाब में कहा कि केन्द्र सरकार की योजना शुरू होने के बाद से गुजरात सरकार ने वर्ष 2014 से 32 लाख से अधिक शौचालयों के निर्माण पर 2,893 करोड़ रुपये खर्च किये है। इसमें से 1,778.96 करोड़ रुपये केन्द्र ने मंजूर किये।

विभाग की आयुक्त और सचिव मोना खानधर ने ‘पीटीआई’ को बताया कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को अपनी सुविधा मिलने से पहले कई और वर्षों तक शौचालयों का निर्माण करना होगा।

उन्होंने कहा,‘‘जैसे कि नये परिवार बनते हैं, वयस्क पुत्रियों और पुत्रों का विवाह हो जाता है, भाई अलग हो जाते हैं और उनके अलग से घर हो जाते हैं। इसलिए इस तरह की जरूरत होने की उम्मीद है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य को ओडीएफ से मुक्त घोषित किये जाने के बाद गुजरात सरकार इस वर्ष ग्रामीण इलाकों में पहले ही एक लाख अतिरिक्त शौचालयों के निर्माण को मंजूरी दे चुकी है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Despite ODF, status, rural Gujarat, lakhs of toilets
OUTLOOK 23 September, 2018
Advertisement