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06 December 2016

स्वामी बोले , आर्थिक विकास जरूरी लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा पर भी चलना होगा

गूगल

स्वामी ने देश में आयकर समाप्त करने की वकालत करते हुए कर सुधार की बड़ी जरूरत बताई और यह भी कहा कि वह बड़े नोटों को बंद करने की अवधारणा के समर्थक हैं लेकिन इसे लागू करने की तैयारियों से इत्तेफाक नहीं रखते।

भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने आज एक कार्यक्रम में कहा, मैंने कभी नोटबंदी का विरोध नहीं किया। मैं नोटबंदी की अवधारणा का समर्थक हूं। मुझे नोटबंदी की अवधारणा से नहीं, इसे लेकर तैयारियों की कमी से आपत्ति है।

स्वामी ने कहा कि 2014 में भाजपा की रणनीति बनाने वाली एक समिति के अध्यक्ष के नाते मैंने नोटबंदी का सुझाव दिया था। मैंने कहा था कि विमुद्रीकरण होना चाहिए लेकिन तैयारी पूरी होनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि केवल विकास की बात हो रही है। आर्थिक विकास अनिवार्य है लेकिन पर्याप्त नहीं है। भाजपा को भ्रष्टाचार को समाप्त करने और हिंदुत्व की विचारधारा को भी ध्यान में रखना होगा।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले वोटों के विभाजन की राजनीति होती थी जिसमें मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण और बहुसंख्यकों या हिंदुओं में विभाजन की कोशिश होती थी। लेकिन अब हिंदुओं को एकजुट करना जरूरी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हिंदुओं के 31 प्रतिशत वोट मिले और अगर इस विचारधारा पर पार्टी चलती रही तो अगली बार 40 प्रतिशत से ज्यादा हिंदुओं के वोट मिलेंगे।

हालांकि स्वामी ने कहा कि हिंदुत्व की विचारधारा का अर्थ दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत पैदा करना नहीं बल्कि खुद हिंदुओं की बुराई दूर करके उन्हें एकजुट करना है।

स्वामी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय इंडिया शाइनिंग के आगे सारी चीजें भुला दी गयीं और पार्टी जीत नहीं सकी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव ने अपने समय किये गये आर्थिक सुधारों से जीडीपी को 3.5 प्रतिशत से नौ प्रतिशत पहुंचा दिया था लेकिन बाद में चुनाव हार गये। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पांच साल के शासन में औद्योगिक विकास को 14 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचाया लेकिन अगला चुनाव हार गये।

स्वामी के मुताबिक मोरारजी देसाई ने भी आर्थिक सुधार से जुड़े बड़े फैसले किये लेकिन बाद में चुनाव नहीं जीत सके। स्वामी ने देश में आय कर समाप्त किये जाने की वकालत करते हुए कहा कि देश में कर सुधार बहुत जरूरी है और उम्मीद है कि केंद्र सरकार अगले बजट में इस बात पर ध्यान देगी।

उन्होंने कहा कि जहां देश में बिचौलिये 25 प्रतिशत राशि लेकर लोगों के काले धन को सफेद में बदल रहे हैं जिनमें बैंक अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं, ऐसे में लोकसभा में पारित आयकर संशोधन विधेयक से भी कोई खास परिणाम नहीं निकलेगा जिसके प्रावधान के तहत लोगों को सरकार को 50 प्रतिशत धन जुर्माने और कर के रूप में देना होगा।

कार्यक्रम में उपस्थित एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने नोटबंदी के फैसले पर विरोध जताते हुए कहा कि जिस देश में 50 फीसदी लोगों के पास बैंक खाते नहीं हैं, उस देश में अचानक से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला गलत था और इससे भविष्य में तबाही होगी।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी को लेकर भाजपा दुष्प्रचार कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि लोगों को सात महीने से अधिक समय तक नोटबंदी के बाद अपना पैसा पाने के लिए परेशानी झेलनी होंगी।

भाषा 

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TAGS: Senior BJP leader, Subramanian Swamy, development, Hindutva
OUTLOOK 06 December, 2016
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