कोविड वैक्सीन: अभी भारत में बूस्टर डोज देंगे या नहीं ? आईसीएमआर प्रमुख ने दिया बड़ा बयान
विश्वव्यापी कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए कई विकसित और धनी देशों ने बूस्टर डोज देने का फैसला लिया है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को साफ कर दिया कि भारत की प्राथमिकता दो डोज का पूर्ण टीकाकरण है औऱ यह जारी रहेगा। बूस्टर डेज इस वक्त वैज्ञानिक चर्चा में केंद्रीय विषय नहीं है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि वैज्ञानिक शोधों में पता चला है कि वैक्सीन की दोनों डोज के कुछ वक्त बाद इंसान के शरीर की एंटीबॉडी में कमी आने लगती है। संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा के अन्य रूप हैं जो जारी रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में सभी को कोरोना के दो डोज वैक्सीन देना प्रथम लक्ष्य है।
इसके अलावा कोरोना के प्रासर पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, "त्योहार निकट आ रहे हैं और किसी भी जगह जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि से वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल वातावरण बनता है। हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा।"
बता दें कि देश में कोरोना की पहली डोज का वैक्सीनेशन कवरेज 62 प्रतिशत पूरा हो चुका है और योग्य वयस्क आबादी का 20 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो गया है। कई एजेंसियों ने कहा है कि एंटीबॉडी के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए क्योंकि आपके पास सेलुलर इम्युनिटी, एंटीबॉडी इम्युनिटी या म्यूकोसल इम्युनिटी हो सकती है जो बनी रहती है। दोनों खुराक का पूर्ण वैक्सीनेशन आवश्यक है और उसमें कोई दो राय नहीं।
गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश में 3631 पीएसए प्लांट शुरू किए जा रहे हैं। ये 4,500 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध करा पाएंगे। इसमें केंद्रीय संसाधनों से 1,491 प्लांट और राज्यों और अन्य संसाधनों से 2,140 प्लांट तैयार किए जा रहे हैं।