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13 December 2020

'विराट' पर मोदी ने नहीं मानी बात, अब गुजरात में होगी कार्रवाई

विमान वाहक पोत आईएनएस विराट इन दिनों सुर्खियों में है। एक तरफ लोग जहां इसके संग्रहालय में परिवर्तित होने की उम्मीद कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर इसके कबाड़ में बदलने की गति को तेज करते हुए अलंग में तट के करीब पहुंचाया जाएगा।  इससे पहले एक ब्रिटिश ट्रस्‍ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉनसन को पत्र लिखकर सेवामुक्‍त किए गए भारतीय नेवी एयरक्राफ्ट कैरियर विराट को 'बचाने' की मांग की थी। 

श्री राम ग्रुप के चेयरमैन मुकेश पटेल ने आईएनएस विराट को सेवामुक्त होने के बाद खरीदा था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पटेल ने बताया,  अब एक हफ्ते में भावनगर के अलंग जहाज-ब्रेकिंग यार्ड में वाहक का विघटन होगा जिसमें 250 से अधिक श्रमिक 'स्की जंप', या घुमावदार रैंप, साइड से काम शुरू कर रहे हैं, जहां से विमान उड़ान भरते थे।  लगभग 5 प्रतिशत जहाज पहले ही टूट चुका है।" 

पटेल ने कहा कि उन्होंने समाप्ति की शुरुआत कर दी थी क्योंकि 28,223 टन-वाहक के वजन को कम करना पड़ा है ताकि इसे करीब खींचा जा सके।  क्योंकि जहाज अभी किनारे से लगभग 600 फीट दूर है।"

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जबकि लगभग दो महीने पहले अलंग पहुंचे गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) के अधिकारियो ने आईएनएस विराट के अंतिम निरीक्षण के बाद ने इसे एक महीने पहले विघटित करने की अनुमति दी थी। अधिकारियों ने कहा कि वाहक के ईंधन टैंक को किसी भी अवशिष्ट ईंधन से साफ कर दिया गया है, पुरानी बैटरियों को हटा दिया गया है, और किसी भी ज्वलनशील गैसों की उपस्थिति की जांच की गई है ताकि गैस टार्च का उपयोग करके जहाज को काट दिया जाए।

वाहक को संग्रहालय में बदलने के कई प्रयास विफल होने के बाद आईएनएस विराट को 28 सितंबर को अलंग में एक औपचारिक समारोह में समुद्र तट पर ले जाया गया था जहां जहाजरानी राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया और नौसेना अधिकारियों ने भाग लिया।

जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्‍य अतिथि के तौर पर संभावित भारत दौरे के पहले एक ब्रिटिश ट्रस्‍ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉनसन को पत्र लिखा है, इसमें सेवामुक्‍त किए गए भारतीय नेवी एयरक्राफ्ट कैरियर विराट को 'बचाने' की मांग की गई।  पत्र में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदद नहीं की तो गुजरात के अलंग में विराट को कबाड़ में तब्‍दील करने की प्रक्रिया कभी भी शुरू हो जाएगी। दोनों नेताओं को लिखे पत्र में हर्म्‍स हैरिटेज विराट हैरिटेज ट्रस्‍ट ने लिखा है कि अगर सभी प्रयास नाकाम होते हैं तो भारत को इस 23,900 टन के वॉरशिप को वापस यूके भेज देना चाहिए जहां एक मैरिटाइम म्‍यूजियम स्‍थापित किया जा सकता है। इस पत्र में लिखा है, 'ट्रस्‍ट के इस मामले में वॉरशिप को भारत के मुंबई से यूके तक पहुंचाने के लिए स्‍थापित टोइंग एक्‍सपर्ट्स के कोटेशन भी आ चुके हैं

बता दें कि 2019 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएनएस विराट को कबाड़ घोषित करने के निर्णय के बारे में संसद को सूचित किया था, कहा था कि इसे संरक्षित करने के लिए "आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से पूर्ण" प्रस्ताव नहीं मिला है।  महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और गोवा सरकारों ने तब वाहक को संरक्षित करने और इसे संग्रहालय बनाने की इच्छा व्यक्त की थी।

आईएनएस विराट पिछले छह वर्षों में भारत में टूटने वाला दूसरा विमानवाहक पोत है।  2014 में आईएनएस विक्रांत, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी मुंबई में विघटित हो गया।

 

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TAGS: विराट, मोदी सरकार, अलंग, आईएनएस विराट, विमान वाहक पोत आईएनएस विराट, aircraft carrier INS Viraat, INS Viraat, Modi Government, Viraat
OUTLOOK 13 December, 2020
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