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12 April 2019

सेना का राजनीतिकरण करने पर नया विवाद, राष्ट्रपति भवन का चिट्ठी मिलने से इनकार

File Photo

सेना के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर पूर्व सैन्य अधिकारियों की ओर से कथित तौर पर राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखे जाने की खबरों पर विवाद शुरू हो गया है। इस चिट्ठी के आधार पर दावा किया गया है कि 3 सेना प्रमुखों समेत 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है, लेकिन अब इसे लेकर सेना के पूर्व अफसरों के ही अलग-अलग सुर सामने आ रहे हैं। जहां पूर्व आर्मी चीफ एस.एफ रॉड्रिग्स और एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने ऐसी किसी चिट्ठी के लिए अपनी सहमति से इनकार किया है। वहीं दूसरी तरफ मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने कहा है कि उन्होंने चिट्ठी को पढ़ने के बाद अपना नाम शामिल करने पर सहमति दी थी। वहीं राष्ट्रपति भवन का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिली है।

इस कड़ी में पूर्व आर्मी चीफ एस.एफ रॉड्रिग्स ने ऐसी किसी चिट्ठी के बारे में जानकारी से ही इनकार किया है। बता दें कि पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम से सर्कुलेट हो रही चिट्ठी में उनका पहला नाम बताया जा रहा था। यही नहीं एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी ऐसी किसी चिट्ठी पर साइन करने की बात से इनकार किया है।

'मैं नहीं जानता कि यह सब क्या है

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पूर्व आर्मी चीफ रॉड्रिग्स ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि यह सब क्या है। मैं अपनी पूरी जिंदगी राजनीति से दूर रहा हूं। 42 साल तक अधिकारी के तौर पर काम करने के बाद अब ऐसा हो भी नहीं सकता। मैं हमेशा भारत को प्रथम रखा है। मैं नहीं जानता कि यह कौन फैला रहा है। यह फेक न्यूज का क्लासिक उदाहरण है।'

इस लेटर को किसी मेजर चौधरी ने लिखा है

एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने कहा, 'यह एडमिरल रामदास की ओर से लिखा लेटर नहीं है। इसे किसी मेजर चौधरी ने लिखा है। उन्होंने इसे लिखा है और यह वॉट्सऐप और ईमेल किया जा रहा है। ऐसे किसी भी खत के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई थी। इस चिट्ठी में जो कुछ भी लिखा है, मैं उससे सहमति नहीं हूं। हमारी राय को गलत ढंग से पेश किया गया है।'  

ऐसे किसी पत्र के लिएनहीं ली गई थी सहमति

वहीं, पूर्व उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एम.एल नायडू ने भी कहा है कि ऐसे किसी पत्र के लिए उनकी ओर से सहमति नहीं ली गई थी और न ही मैंने ऐसा कोई पत्र लिखा है।

चिट्ठी में सेना के राजनीतिक इस्तेमाल, भाषणों में 'मोदी की सेना' जैसी टिप्पणी पर आपत्ति

बता दें कि 11 अप्रैल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और चुनाव आयोग को लिखी एक चिट्ठी जारी की गई, जिसके आधार पर यह दावा किया गया था कि पूर्व सैन्य अधिकारियों की ओर से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सेना के राजनीतिक इस्तेमाल और भाषणों में 'मोदी की सेना' जैसी टिप्पणी पर आपत्ति जताई है। हालांकि अब अधिकारियों की ओर से ही चिट्ठी लिखे जाने या उस पर हस्ताक्षर किए जाने की बात से इनकार के बाद अब नया विवाद सामने आया है।

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TAGS: Dispute over, letter written, President, against BJP, former army officers, denies to signing it, Harsha Kakkar signatory to the letter
OUTLOOK 12 April, 2019
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