कोरोना से घटा बिजनेस, इंडिगो ने की वेतन में कटौती की घोषणा, एयर इंडिया भी कर सकती है ऐसा
कोरोना वायरस की महामारी से सबसे बड़ी मार ट्रैवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर पड़ रही है। तरह-तरह के प्रतिबंध और यात्रियों की संख्या घटने के साथ ही एयरलाइनों को कारोबार घटने और नकदी की किल्लत होने का खतरा दिखने लगा है। इस संकट के चलते टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में 70 फीसदी लोग बेरोजगार हो सकते हैं। इससे निपटने के लिए एयरलाइंस वेतन कटौती कर रही हैं। प्राइवेट एयरलाइन इंडिगो ने सभी वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने का फैसला किया है। सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया भी वेतन में पांच फीसदी कटौती कर सकती है। इंडस्ट्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
इंडिगो के सीईओ ने अपना वेतन 25 फीसदी घटाया
इंडिगो के सीईओ ने रंजय दत्ता ने अपने वेतन में 25 फीसदी कटौती की घोषणा की है। सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और उससे उच्चाधिकारियों के वेतन में 20 फीसदी, कॉकपिट स्टाफ के वेतन में 15 फीसदी कटौती की घोषणा की गई है। इसके अलावा असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट और केबिन क्रू का वेतन 10 फीसदी और बैंड सी के वेतन में 5 फीसदी की कटौती होगी।
सीईओ ने कर्मचारियों के भेजे मेल में कहा है कि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए एयरलाइन ने बैंड ए और बैंड बी के निचले कर्मचारियों को छोड़कर सभी के वेतन में कटौती करने का फैसला किया है। उन्होंने तर्क दिया है कि मौजूदा काल में हमें सावधानी से काम करना होगा। राजस्व में गिरावट आने के बाद पैसा खत्म होने से पहले कुछ कदम उठाने आवश्यक हो गए हैं।
एयर इंडिया 5 फीसदी घटा सकती है कर्मचारियों का वेतन
सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया वित्तीय संकट खासकर कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट से निपटने के लिए कर्मचारियों के वेतन में 5 फीसदी कटौती करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार सभी कर्मचारियों के वेतन में कटौती हो सकती है। घाटे में चल रही एयर इंडिया फ्लाइंग स्टाफ के भत्तों में कटौती के कदम पहले ही उठा चुकी है। दो साल पहले निजीकरण की कोशिश विफल होने के बाद सरकार एक बार फिर इसे बेचने के प्रयास में जुटी है। एयर इंडिया की लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ठप हो चुकी हैं। एयरलाइन ने कहा है कि वित्तीय स्थिति और ग्लोबल घटनाओं को ध्यान में रखकर ये कदम उठाए गए हैं। लागत में कटौती करना समय की मांग है।
3.8 करोड़ लोग हो सकते हैं बेरोजगार, सरकार से मदद की गुहार
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन इंडियन ट्यूरिज्म एंड हॉस्पीटैलिटी (एफएआइटीएच) का अनुमान है कि कोरोना वायरस के कारण हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री में करीब 3.8 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं जो कुल कर्मचारियों का 70 फीसदी है। फेडरेशन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पक्ष लिखकर कहा है कि इस उद्योग में सरकार से मदद की दरकार है। उद्योग को बचाने के लिए एक साल के लिए वित्तीय मदद दी जानी चाहिए। प्रभावित कर्मचारियों का मूल वेतन सीधे उनके खाते में दिया जाए।