पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी ने गुजरात चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं करने पर उठाए सवाल
चुनाव आयोग के गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अंग्रेजी अखबार द हिंदू के मुताबिक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी चुनाव आयोग के इस निर्णय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले सप्ताह के गुजरात दौरे से जोड़कर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं करने का निर्णय ‘शक करने का आधार’ पैदा करता है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले सप्ताह गुजरात जाने की संभावना है।
क़ुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग का यह फैसला ‘एक साथ चुनाव कराने की भावना’ के विरूद्ध है। उन्होंने कहा, “क्या मजबूरियां थीं कि चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश की तारीखों की घोषणा की लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव का ऐलान नहीं किया? इसे सही ठहराने के लिए उनके पास वाजिब कारण होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी का अगले सप्ताह का गुजरात दौरा संदेह का आधार तैयार करता है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
क़ुरैशी ने कहा, “आयोग के फैसले से मैं काफी हैरान हूं। गुजरात और हिमाचल प्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल एक साथ समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग क्यों दोनों राज्यों के लिए चुनावों की तारीख का ऐलान नहीं किया?”
गौरतलब है कि गुरुवार को चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश चुनाव तिथि की घोषणा की थी। जबकि गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल जनवरी 2018 में समाप्त हो रहा है।
इधर कांग्रेस ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वटिर अकाउंट पर साझा किए वीडियो संदेश में कहा, “अब यह साफ है कि हिमाचल के साथ गुजरात चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा टालने के लिए मोदी सरकार और भाजपा चुनाव आयोग पर दबाव डाल रहे हैं ताकि उनके राजनीतिक हित पूरे हो सकें।”
साथ ही उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “कारण यह है कि प्रधानमंत्री एक फर्जी सांता क्लॉज के तौर पर 16 अक्टूबर को गुजरात जा रहे हैं ताकि ऐसी लोक लुभावन घोषणाएं कर सकें और ऐसे जुमलों का इस्तेमाल कर सकें जो उन्होंने 22 साल से लागू नहीं किए।”