Advertisement
27 January 2020

ईडी का दावा, सीएए हिंसा भड़काने में पीएफआई ने दिए 120 करोड़, सिब्बल और इंदिरा जयसिंह का भी नाम

File Photo

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हाथ उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर अहम सबूत लगे है। ईडी ने दावा किया है कि हुए हिंसक प्रदर्शन का केरल के संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ आर्थिक लेन-देन था। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि संघीय जांच एजेंसी 2018 से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) के तहत पीएफआई की जांच कर रही है। सूत्रों ने दावा किया कि ये संदिग्ध जमा नकद में या तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के माध्यम से किए गए थे। साथ ही, ईडी के अनुसार सिब्बल को 77 लाख रुपये, वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह को 4 लाख रुपये, वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को 11 लाख रुपये और अब्दुल समद नाम के व्यक्ति को 3.10 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

‘जमा किए गए करोड़ों रूपए’

जांच एजेंसी के मुताबिक बीते साल 4 दिसंबर 2019 से लेकर 6 जनवरी 2020 के बीच पीएफआई संगठन से जुड़े कई बैंक खातों में कम से कम 1.04 करोड़ रुपये जमा किए गए। उन्होंने कहा कि संसद में पिछले साल नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पारित होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनेक बैंक खातों में कम-से-कम 120  करोड़ रुपये जमा किए गए। मालुम हो कि इन प्रदर्शनों के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी।

Advertisement

कपिल सिब्बल ने लिया यू-टर्न

ईडी के दावों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि उन्हें पीएफआई से कोई पैसा नहीं मिला है। यू-टर्न लेते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त 2017 से मार्च 2018 के बीच हादिया और शफिन जहान के शादी से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से वकालत करने के लिए फीस के तौर पर 77 लाख रुपये लिए थे। 8 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के एक आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें 22 वर्षीय हादिया की शादी शफीन जहान से उसके पिता द्वारा दायर याचिका पर रद्द कर दी थी। 

‘ईडी का दावा निराधार’

वहीं, पीएफआई ने एक बयान देते हुए कहा है कि हम पूरी तरह से देश की कानून व्यवस्था का पालन करते है। यह बात ईडी की तरफ से कही जा रही है कि सीएए के विरोध प्रदर्शन से ठीक पहले संगठन के खातों से 120 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की गई जो पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि जो इन आरोपों को लगा रहें हैं उन्हें इन दावों को साबित करना चाहिए।

यूपी पुलिस ने की थी मांग

इससे इतर सूत्रों ने दावा किया कि इन पैसों का इस्तेमाल पीएफआई के सहयोगी संगठनों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों और अन्य स्थानों पर एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा देने के लिए किया था। इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में सीएए के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में संदिग्धता के संदेह के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: ED, finds financial, PFI and anti-CAA protests, organisation denies
OUTLOOK 27 January, 2020
Advertisement