फारूक अब्दुल्ला से ईडी की पूछताछ, उमर अब्दुल्ला ने कार्रवाई को बताया गुपकार समझौते का बदला
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला 'जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन' (जेकेसीए) में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। ईडी की टीम श्रीनगर स्थित अपने कार्यालय में पूर्व सीएम से पूछताछ कर रही है। इस मामले में पहले भी उन्हें ईडी ने तलब किया था। वहीं, फारूक अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि यह पूछताछ गुपकार समझौते को लेकर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष का बयान पूर्व की तरह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा। ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों को बुक किया गया था, जिसमें महासचिव मोहम्मद सलीम खान और पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा शामिल थे।
बीसीसीआई ने 2002 से 2011 के बीच जम्मू कश्मीर में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन आरोप है कि इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपये का गबन किया गया है। मामले को लेकर रणजी ट्राफी कोच और चयनकर्ताओं व कश्मीर के क्रिकेट खिलाड़ी माजिद अहमद ने 2015 में जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल फाइल की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच करने के आदेश दिए। सीबीआई ने आदेश के बाद मामला दर्ज किया। सीबीआई ने जांच कर जेकेसीए अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद सलीम खान (महासचिव), एहसान अहमद मिर्जा (खजांची) और बशीर अहमद मिसगर (बैंक में एग्जीक्यूटिव) के खिलाफ षड्यंत्र और विश्वास के आपराधिक उल्लंघन के आरोप लगाते हुए अदालत में चार्जशीट दायर की थी।
अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ईडी के समन का जवाब जल्द ही देगी। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, नेशनल कॉन्फ्रेंस शीघ्र ही ईडी समन को लेकर जवाब देगी। यह गुपकार समझौते के लिए हुए अलायंस के गठन को लेकर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए की जा रही है। बताना चाहता हूं कि डॉ साहब के आवास पर छापा नहीं मारा जा रहा है।