इंडियाज डॉटर के पक्ष में एडिटर्स गिल्ड
गिल्ड ने अपने बयान में कहा कि वृत्तचित्र इंडियाज डॉटर में एक ऐसे परिवार के साहस, समझदार और उदारवादी सोच को दर्शाया गया है जो अपनी बच्ची के साथ हुई इस तरह की बर्बरता से पीड़ित है और जहां महिलाओं के प्रति दोषी समेत वकील एवं शिक्षित वर्ग का शर्मनाक रुख है।
फिल्म में वकीलों की महिला विरोधी टिप्पणियों पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी विचार कर रहा है।
वकीलों की शीर्ष परिषद के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया, मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने वकीलों की टिप्पणियों पर चर्चा के लिए अपनी कार्यकारी समिति की बैठक करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि अपने सदस्यों द्वारा की गई ऐसी टिप्पणियों पर बीसीआइ के पास स्वत: संज्ञान लेने की शक्ति है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले के बचाव पक्ष के एक वकील एमएल शर्मा ने कथित तौर पर लैंगिक पूर्वाग्रह प्रदर्शित करने वाला बयान दिया था।
सामूहिक बलात्कार पर बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र में शर्मा ने कहा कि लड़कियां यदि उपयुक्त सुरक्षा के बगैर बाहर जाएंगी तो बलात्कार की ऐसी घटनाएं हुआ करेंगी।