Advertisement
18 June 2016

कोर्ट का षडयंत्र से इनकार, गुलबर्ग सोसायटी में जाफरी ने गोली चलाई तो भीड़ भड़क गई

google

न्यायाधीश पीबी देसाई ने कहा, एहसान जाफरी की निजी गोलीबारी ने उत्प्रेरक का काम किया और उसने भीड़ को इस कदर उकसा दिया कि उपलब्ध सीमित पुलिस बल के पास ऐसी भीड़ को रोकने का कोई उपाय नहीं था। गोलीबारी की घटना के बाद वहां बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गयी।

जाफरी की बंदूक से आठ गोलियां चलीं, उनसे एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए। अदालत ने कहा, एहसान जाफरी गुलबर्ग सोसायटी में एक अलग जगह से भीड़ पर गोली चलाने के दोषी हैं, जिसके कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए। मेरे विचार में वह उत्प्रेरक था, जिसने भीड़ को इस कदर उकसा दिया कि वह अनियंत्रित हो गयी और उसके कारण हत्याएं हुईं, बड़ी संख्या में मासूमों की जान गयी।

घटना में षडयंत्र के पहलू से इनकार करते हुए, अदालत ने कहा कि यह अप्राकतिक है कि 28 फरवरी, 2002 को सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई, और डेढ़ बजे के बाद अचानक चीजें बहुत खराब हो गयीं जैसे कोई नल खोल दिया गया हो, जिसके कारण पानी की बाढ़ आ गयी और नरसंहार का कांड हुआ। अदालत ने कहा कि इन तथ्यों से किसी भी प्रकार से भीड़ ने जो किया उसकी कोई माफी नहीं हो सकती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: एहसान जाफरी, गुलबर्ग सोसायटी, गुजरात दंगाा, विशेष अदालत, नरसंहार, gujrat riots, gulbarg society, ehsan jafari, firing, mob incited, sit court
OUTLOOK 18 June, 2016
Advertisement