चुनाव आयोग ने ट्विटर से एक्जिट पोल संबंधी पोस्ट हटाने को कहा
चुनाव आयोग ने ट्विटर को एक्जिट पोल संबंधी एक ट्वीट को हटाने को कहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बुधवार को बताया कि चुनाव आयोग ने यह कदम एक “शिकायत” मिलने के बाद उठाया है। इसके अलावा बताया कि यूजर ने बाद में ट्वीट को हटा लिया। हालांकि सूत्रों ने शिकायत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
समचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, “चुनाव आयोग की ओर से ऐसा कोई आदेश आज जारी नहीं किया गया है। हमें बस एक मामले की जानकारी दी गई थी जिसे यूजर ने खुद ही हटा लिया था।”
इससे एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने तीन मीडिया आउटलेट को लोकसभा चुनावों के “नतीजों का अनुमान” जताने वाले सर्वेक्षण का कथित तौर पर प्रकाशन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
ये हैं नियम
जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126A में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित या उसका प्रचार नहीं कर सकता। चुनाव का वक्त पहले दिन के मतदान से शुरू होकर अंतिम दिन के मतदान के आधे घंटे के बाद तक माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के एग्जिट पोल के प्रकाशन की अनुमति नहीं होती।
अगर कोई व्यक्ति इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है। इसकी अवधि दो साल तक हो सकती है। साथ ही जुर्माना या जेल के साथ जुर्माने की सजा हो सकती है।
कब आएंगे एग्जिट पोल
गौरतलब है कि लोकसभा के सातवें और आखिरी चरण के लिए 19 मई को चुनाव होने हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव समाप्त होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल आने शुरू होंगे। पहले चुनाव शुरू होने से पहले एग्जिट पोल आने शुरू हो जाते थे। जिससे कि माना जाता था कि मतदाता पर प्रभाव पड़ता है। इस वजह से चुनाव के दौरान या उससे पहले इनके प्रसारण या प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।