पीएम मोदी के रोड शो पर चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट, कांग्रेस ने लगाया था आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
चुनाव आयोग ने मंगलवार को अहमदाबाद में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'रोड शो' पर गुजरात के मुख्य चुनाव आधिकारी (सीईओ) से एक रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने का आरोप लगाया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने कहा कि इसे लेकर गुजरात के सीईओ से एक रिपोर्ट मांगी गई है। सूत्रों ने बताया कि गुजरात के निर्वाचन अधिकारियों ने कहा है कि प्रथम दृष्टया प्रधानमंत्री ने आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। हालांकि, इस संबंध में चुनाव आयोग से आधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है।
सोमवार को भाजपा प्रमुख अमित शाह द्वारा पश्चिम बंगाल में की गई कथित टिप्पणी 'मोदीजी की वायु सेना', के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने कहा कि विस्तृत जानकारी जुटाई जाएगी, जो दो या तीन दिन में आ जाएगी।
कांग्रेस ने लगाए हैं ये आरोप
विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपना वोट डालने के बाद एक ‘रोड शो’ कर और सियासी बयान देकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस सिलसिले में एक जांच का आदेश दिया। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार सुबह अपना वोट डालने के लिए अहमदाबाद के रानिप इलाके में एक मतदान केंद्र तक खुली जीप में गए। जीप के गुजरने के दौरान लोग सड़क के दोनों ओर इकट्ठे हो गए। मोदी ने मतदान करने के बाद मतदान केंद्र से कुछ दूर पैदल चलकर मीडियाकर्मियों से भी बातचीत की।
इसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की कि प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार करने पर 2-3 दिन की पाबंदी लगाई जाए। कांग्रेस ने आयोग से कहा कि प्रधानमंत्री उच्च पद पर हैं और बार-बार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 क्या है?
जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 में कहा गया है कि ‘कोई भी व्यक्ति -“मतदान होने के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं नहीं कर सकेगा।’ किसी चुनाव में मतदान के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सिनेमा, टेलीविजन या इसी तरह के प्रचार माध्यम द्वारा जनता में किसी तरह की प्रचार सामग्री का प्रदर्शन नहीं करेगा। जो व्यक्ति उप-धारा-1 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह अधिकतम दो साल तक की अवधि की सजा या जुर्माना या दोनों तरह के दंड का भागी होगा।