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09 October 2020

भीमा कोरेगांव केस: मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने भीमा-कोरंगांव हिंसा मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी को 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

फादर स्टेन स्वामी पर महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा गांव में वर्ष 2018 की हिंसा में शामिल होने का आरोप है। इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ उन्हें तलोजा जेल में रखा गया है।

बता दें कि शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव में भीड़ को कथित तौर पर हिंसा के लिये उकसाने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा,  आदिवासी नेता स्टैन स्वामी और दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर हनी बाबू समेत आठ लोगों के खिलाफ शुक्रवार को एक आरोप पत्र दाखिल कर दिया। 

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इससे पहले मुंबई के भीमा कोरेगांव मामले में एनआइए की टीम ने पिछले दिनों रांची के नामकुम बगइचा स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी के आवास यह कार्यालय पर छापेमारी की। उनसे विस्‍तृत पूछताछ के लिए एनआइए की टीम उन्‍हें अपने साथ ले गई। छापेमारी के दौरान एनआइए की टीम में कुल आधा दर्जन लोग थे।

मूलरूप से केरल के रहने वाले स्‍टेन स्‍वामी पिछले कोई पांच दशक से झारखंड में रहकर यहां आदिवासियों के मुद्दे, भूमि अधिग्रहण, विस्‍थापन को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। नक्‍सली के नाम पर जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के मानवाधिकार की लड़ाई लड़ते रहे। वे पिछले कुछ वर्षों से एनआइए, महाराष्‍ट्र पुलिस और एटीएस की रडार पर हैं।

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TAGS: NIA, human rights activist, Father Stan Swamy, Elgar Parishad, Maoist links case, judicial custody, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए, भीमा-कोरंगांव हिंसा, फादर स्टेन स्वामी
OUTLOOK 09 October, 2020
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